यज्ञोपवित संस्कार

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पारंपरिक कार्यक्रम देवी देवताओं के मंगल गीत गणेश पूजन हाथधान माया पूजन लड्डूडी चढ़ाना छींकी

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गणेश परिक्रमा (छींकी) का वेद मंत्र

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पुष्करणा ब्राह्मणों के विवाहों में छींकी का अपना विशेष स्थान है। इसका शास्त्रीय नाम श्री गणेश परिक्रमा है। इसमें ध्वनि की ही प्रधानता होती है। वेद की पवित्र ध्वनि वधू के घर से वर के घर तक का पथ शुद्ध करती है। सावे पर छींकी वाली तिथि को दिन-रात यह ध्वनि बीकानेर शहर में गूंजती रहती है। पूरे शहर का वातावरण वेदमय हो जाता है। ॐ आशु: शिशानो वृषभो न भीमो घनाघन: क्षो भणश्चर्षणीनाम्॥ सक्रन्दानो$निमिष एक वीर: शत् सेना अजेयत् साकमिन्द्र:

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दूल्हे का पौराणिक स्वरूप

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पीताम्बर केशरिया बनियान गेड़ियां लौंकार का छत्र किलंगी मावड़ पेवड़ी श्रृंगार खिड़किया पाग खड़ाऊ

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पुष्करणा ब्राह्मणों के चौदह गौत्र और चौरासी जातियां

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1-उगथ्य गोत्री श्रेगवेदी, आवश्लायनसूत्री, बाहेती, मेड़तवाल, कॅपलिया, बाछडत्र, पूंछतोड़ा, पाण्डेया, 2- भारद्वाज गोत्री, यजुर्वेदी काल्यायनसूत्री, टंकशाली (व्यास) काकरेचा, माथुर कपटा (बोहरा) चूल्लड़, आचार्य। 3- शाण्डिल्य गोत्री यजुर्वेदी, कात्यायनसूत्री बोधा (पुरोहित) मुच्चन (मज्जा) हेड़ाऊ, कादा, किरता, नवला। 4- गौतम गौत्री, जयुर्वेदी कात्यायनसूत्री केवलिया, तिवाड़ी (जोशी) माधू, गोदा, गोदाना, गौत्तगा। 5- उपमन्यु गोत्री, जयर्वेदी, कात्यायनसूत्री ठक्कुर (उपाधिया) बद्दल, दोढ़, मातमा, बज्झड़। 6- कपिल गोत्री, जयर्वेदी कात्यायनसूत्री कापिस्थलिया (छंगाणी) कोलाणी, झड़ मोला, गण्ढलिया (जोशी) 36 ढाकी। 7-गविष्ठिर गोत्री समावेदी कात्यायनसूत्री दगड़ा, पैढा, रामा, प्रमणोचा, जीवाणोचा, लापसिया, 8-पराशर गोत्री सामवेदी, लाटयायनसूत्री चोबटिया (जोशी) हर्ष,…

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विवाह हेतु उपयोगी सामग्री की सूची

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लग्न का सामान : कुंकु चावल, सुपारी 5 नग, मोली 1 गिंडा, गुड़ 5 डली, नारियल 2 नग, यज्ञोपवीत 2 जोड़ा, लौंग, इलायची, काजल डब्बी 1, मिश्री 1, आटे-हल्दी फल 7 नग। हाथधान का सामान : कुंकु चावल, सुपारी 5, मोली 1 गिंडा, गुड़ 5, गेडियो, पंजियो, बटवो, नारियल 2 नग, यज्ञोपवित 2 जोड़ा, सफेद वस्त्र, दाल पीसी हुई, कुमार लड्डू, छाजला, 2 बेलन, सप्तधान, आटा, हल्दी, तेल (पीठी का सामान), मेट, छाछ, सकोरा 7, मूंग, गुड़, धाना, लाख का टुकड़ा। दाल : मोठों री दाल 7 किलो, मिर्च लाल…

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विवाह के परम्परागत गीत

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विनायक :- 1. सूंड सूंडळो गणपत कोमण गारो। ओछी पींडी रो कोमणा गारो, ए म्हारे विरध विनायक। 2. चालो गणेश आपों जोशी जी रै चालो। गणेश परिक्रमा (छींकी): ॐ आशु शिशानो व्वृष भोनभीभां । बारात:- तू मत डर पे हो लाडला, केशरियो लाडो जीवंतो रे टालौटा (स्वागत गीत):- वर का स्वागत :- हर आयो हर आयो-काशी रो वासी आयो। वधु का स्वागत :- कमला आई- कमला केल करन्ती आई-रुकमण रंग समन्ती आई। सुहाग गीत- दौड़ी दौड़ी बाई आपरै नौने जी रे जाय। दो नी नोना जी बाई ने सरब सुहाग॥…

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शादी परम्परागत कार्यक्रम

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सगाई, देवी देवताओं के मंगल गीत, मिलनी, मुंह रंगाई बड़ों का खोला, टीकी, लगन, गणेश स्थापना हाथधान, लड्डूडी चढ़ाना, दाल देना, माया बैठाना, छिंकी ( गणेश परिक्रमा), मायरा (भात), लड़की की और से खिरोड़ा, अंजलि पुजा, बारात ढुकाव, टीके की रस्म, जुआ टीका (हास्य), वर पक्ष की ओर से बरी, पागा पुजाई, गुडी जान, देवी देवताओं के जात फेरी

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