हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन कपिल मुनि कोलायत का मेला भरता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते इसे रद्द कर दिया गया है लेकिन हम हमारे यूट्यूब चैनल के माध्यम से कोलायत की ऐसी जानकारी लेकर आये है जो सायद ही आपको मालूम हो। भारत मे कपिल मुनि के कितने मंदिर है ? बीकानेर के कोलायत का कपिल मुनि मंदिर सबसे खास महत्व क्यो रखता है ? यह मंदिर कब और किसके द्वारा बनाया गया था ? यहाँ साधु संत क्यो आते है ? नागा बाबा के यहाँ…
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मरुस्थलीय सब्जी में मौजूद है कोरोना रोकने वाले एंजाइम
थार रेगिस्तान और सब्जियां हमारे पश्चिमी राजस्थान की भौगोलिक स्थितियां कुछ ऐसी रहीं है कि पहले आसानी से हरी सब्जियां उपलब्ध नही हो पाती थी कारण था पानी की कमी! तब गंगनहर नहीं आयी थी और थार रेगिस्तान के वासियों को पानी की कमी में ही गुजारा करना होता था जहां पीने के पानी तक की कमी हो ऐसे में हरी सब्जियां तो बहुत दूर की कौड़ी थी और इनको उगाना व्यवहारिक नहीं था। ऐसे में कुछ ही ऐसे पेड़ झाड़िया थी जो पूरे मौसम सही टिक पाती जिनमे हमारे…
Read Moreये भारतीय बुजुर्ग भी न ! हर बात पर-ऐसा करो वैसा करो और ऐसा मत करो
ये भारतीय बुजुर्ग भी न ! हर बात पर-ऐसा करो वैसा करो और ऐसा मत करो । अरे, दुनियां कहां से कहां पहुँच गई और ये… (दुनियां कही पहुंचे लेकिन अन्तोगत्वा हमारे भारतीय बुजुर्गो व संस्कृति को तो मानना ही पड़ता है हमें गर्व है और आज दुनियां भी मानने लगी है) – घर में घुसते ही ड्योढी पर पहले हाथ- मुहं पैर धोवो । -अस्पताल जाकर आए हो तो पहले नहाओ -शवयात्रा में गए हो तो घर से बाहर नहाओ। -जन्म और मरण हो तो सुआ और सूतक के…
Read Moreऐसी 20 वजह जिसके कारण बीकानेर शहर पूरी दुनिया में विख्यात है
बीकानेर स्थापना दिवस पर विशेष रूप से आप सबके लिए ऐसी जानकारी लेकर आये है जो शायद आपको मालूम नहीं है बीकानेर में दुनिया की ऐसी जगह और शहर से जुड़े ऐसे तथ्य जो सिर्फ बीकानेर से जुड़े है ऐसे चीज़े जो सिर्फ बीकानेर में है और दुनिया में कहीं नहीं तो जरूर देखिये ये वीडियो जो आपको जरूर पसंद आएगा …
Read Moreभुजिया के अविष्कार की पूरी कहानी जानिए
बीकानेर का भुजिया विश्व प्रसिद्ध है और इसको सबसे पहले बीकानेर में ही बनाया गया था आज बीकानेर के हल्दीराम बीकाजी और अन्य कई ऐसे ब्रांड है जो भुजिया नमकीन मिठाई विदेशो में भी एक्सपोर्ट करते है। तो आज आप जानिए कैसे सबसे पहले हुई थी शुरुआत..
Read Moreगणगौर माता की आरती
गवरजा माता की आरती ( तर्ज – सांवरसा गिरधारी ) आंगणियों हरखाओ , बधावो रामा , आंगणियों हरखायो , माँ गवरजा पधारी , माता गिरिजा पधारी . देखो शैलजा पधारी , हरख मनावो ढम – ढम ढोल नगाड़ा बाजे , आभो गरजे बिजळी नाचे , ओ कुण शंख बजावे , बधावो रामा , ओकण शंख बजावे । माँ गवरजा । । 1 । । रुण – झुण , रुण – झुण पायल बाजे , सात सुरों में मनड़ो गावे , सुण – सुण मन हरसायो , बधावो रामा , सुण…
Read Moreधींगा गवर और पंथवाडी माता की कथा व कहानियां
धींगा गवरजा की कहानी ( मोम की गुडीया ) कैलाश पर्वत पर शिव – पार्वती बैठा था चैत्र माह शुरु होते ही ” गवरजा ” रा ” बालीकाओं कन्याओं ” द्वारा पूजण शुरु हो गया । पार्वती शिवजी सू बोली कि मैं भी म्हारे पिहर जावणो चाहू , आप हुकम करो तो । महादेव जी बोल्या , म्हारी भांग घोटण री व्यवस्था कूण करसी जने पार्वती व्यवस्था रे रूप में एक मोम री गुडिया बनाई और आपरी शक्ति सू उसमें जीव डाल दिया , बा चेतन हो गई पार्वती बे…
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