‘नारसिंह का कड़ा, ज्यो सिंवरे ज्यूँ हाजिर खड़ा’ जानिए होली से पहले भगवान नारसिंह की पूजा के बारे में

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‘नारसिंह का कड़ा, ज्यो सिंवरे ज्यूँ हाजिर खड़ा’ होली और दीपावली से पहले भगवान नारसिंह भगवान की पूजा की जाती है। होली से एक दिन पहले फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी को अनेक घरों में भगवान नारसिंह की पूजा होती है। नारसिंहो महावीर: यह भगवान महावीर या हनुमानजी का ही स्वरूप है। घरों में आमतौर से रसोई घर में रसोई को साफ सफाई के बाद शुद्ध करके सिंदूर कुकुंम रोली से त्रिशूल की आकृति बनाई जाती है। त्रिशूल शक्ति या बल का प्रतीक होता है इसकी आकृति बनाकर पूजा की जाती है।…

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अब हर रोज 11:56 पर भूरी में भगवान- बीकानेर होली

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पहले साफी साफ कर पीछे रंग लगाय! चला जाए कैलाश को शिव को शीश निवाय!! दाऊ के दयाल बृज के राजा ! भांग पीवे तो भेरूकुटिया आजा!! हरी में हर बसे भूरी(भांग) में भगवान वैसे तो भांग जिन्हें भांग प्रेमी व शिव भक्त विजया कहते है,रोज 11:56 जो अभिजीत मुहूर्त होता है उस समय मन्त्रो भजनों के साथ बड़े जोश उल्लास और आध्यात्मिक माहौल बनाकर भांग घोटते व छानते है लेकिन होली में होलका के साथ हर रोज किसी न किसी मोहल्ले में लोग अपनी स्वेच्छा से भांग महोत्सव करवाते…

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हवेलियों, पाटों, चौक व गुवाड़ वाला शहर बीकानेर

Bikaner junagarh fort
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जन्मदिन अक्षय तृतीया पर विशेष बीकानेर शहर में लाल पत्थरों की हवेलियां और उनकी नक्काशी, ऊँठ की खाल पर उस्ता कला, काष्ठ पर मथेरण कला,शहर के दरवाजे,गेट,बारियां, गुवाड़, घाटी,चौक और चौक में रखे हुवे बड़े -बड़े पाटे इस शहर को खाश बनाते है। खाशकर शहर परकोटे की खाश जानकारी लगभग हर चौक की जो मौखिक सूत्रों से संजय श्रीमाली ने लिखी है। आप भी जानकर पढ़कर आनंदित होंगे। (रमक झमक) इतिहास व सस्कृति से समृद्ध शहर बीकानेर शहर ऐतिहासिक एवं सांस्कृति दृष्टि से बहुत समृद्ध रहा है। शहर की बनावट,…

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पुष्करणा सावा ओलंपिक के बाद अब विश्व पटल पर होगी बीकानेर की होली

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पुष्करणा सावा ओलंपिक के बाद अब विश्व पटल पर होगी बीकानेर की होली बीकानेर । पुष्करणा सावा ओलम्पिक के बाद हमारी संस्कृति व् सास्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिये रमक झमक ने प्रयास शुरू किया है । बीकानेर शहर की होली अनूठी, रंगीली, अद्धभुत, रोमांच करने वाली, हास्य मनोरंजन से भरपूर है । रम्मत, गेर, धमाल, मलन्दा, तणी, इलोजी, स्वाग, फगनिया फुटबाल व् 11:56 कार्यक्रम, भस्मी होली ,फ़ाग गीत,होलियाना अंदाज में गीत, डोलची पानी मार खेल, सप्तरँगी फोल्ची जैसे अनूठे आयोजन जिसने एक बार देखा वो कभी नही भूलता ।अब…

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होली ख्याल-चौमासा – होठ गुलाबी म्हारा खिल रया गाल

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बीकानेर में होली पर मुख्य चौक में रम्मतों का दौर चालू है । ये रम्मतें किसी मंच स्टेज पर न होकर बालू मिटटी बिछाकर या फिर पाटों पर होती है और काफी लोग दूर दूर से यहाँ रम्मतें देखने के लिए आते है । यहाँ स्वांग मेहरी, हदाऊ-मेहरी, अमरसिंह राठौड़, शहजादी राममते होती है । रम्मतों में सबसे पहले भगवान गणपति या माता आशापुरा अखाड़े में आती है और लोग भाव व् श्रधा से प्रसाद आदि चढाते है. राम्म्तो में चौमासा व ख्याल गाया जाता है जो रम्मत के कलाकार…

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अब रमक झमक पर बीकानेर की निराली और रंगीन होली के रंगीन नज़ारे आप देख सकेंगे

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खास तौर पर आप लोगो जिसमे बीकानेर और बीकानेर से जुड़े लोग कोलकाता, रायपुर, चेनई,मुंबई के अलावा जो लोग विदेश में रहते है उन्हें फाल्गुन लगते ही बीकानेर की याद सताने लगती है और उन्हें एक झलक भी मिलजाए तो वे आनंदित हो जाते है, ये विचार और आप लोगो की मांग पर विचार करके हमने भी निश्चय कर लिया है की हम आप सबके लिए ये कड़ी मेहनत करके बीकानेर की रंगीन होली के हर रंगीन पल आप तक लायेगे जिन लोगों ने बीकानेरी होली नहीं देखी है तो…

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कम्प्युटर और मोबाइल पर लाईव दिखेंगी बारातें, पुष्करणा युवा शक्ति मंच रमक झमक ने की अनूठी पहल

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पुष्करणा ब्राह्मण समाज के ऑलपिक सावे के दौरान ३१ जनवरी को बारह गुवाड से होकर गुजरने वाली बारातों को कम्प्युटर और एन्ड्रोयड मोबाईल पर ऑनलाइन देखा जा सकेगा । यह सब संभव हो पायेगा पुष्करणा युवा शक्ति मंच द्वारा तैयार की गई वेबसाइट रमक झमक डॉट कोम के माध्यम से । वेबसाईट के संचालक राधेकृष्ण ओझा ने बताया की इस वेबसाइट के  माध्यम से विवाह के विविध पौराणिक महत्वों, उनकी आवश्यकताओं और आज के दौर में उनकी  प्रासंगिकता  के बारे में बताया गया हैं ।  राधेकृष्ण ओझा ने बताया की…

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