घुडळा गीत: (प्राचीन परम्परागत गीत:रमक झमक) म्हारों तैल बले घी घाल, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । घुड़ले रे बाँध्यो सूत, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । (रमक झमक) सुहागण बाहर आय, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । इशरदसजी रै जायो पूत, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । म्हारों तैल बले घी घाल, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । सोने रो थाळ बजाय, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । मोत्यों रा आखा घाल, घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला । सोने रो ट्कको घाल,…
Read More