विनायक :-
1. सूंड सूंडळो गणपत कोमण गारो।
ओछी पींडी रो कोमणा गारो, ए म्हारे विरध विनायक।
2. चालो गणेश आपों जोशी जी रै चालो।
गणेश परिक्रमा (छींकी):
ॐ आशु शिशानो व्वृष भोनभीभां ।
बारात:-
तू मत डर पे हो लाडला,
केशरियो लाडो जीवंतो रे
टालौटा (स्वागत गीत):-
वर का स्वागत :- हर आयो हर आयो-काशी रो वासी आयो।
वधु का स्वागत :- कमला आई- कमला केल करन्ती आई-रुकमण रंग समन्ती आई।
सुहाग गीत-
दौड़ी दौड़ी बाई आपरै नौने जी रे जाय।
दो नी नोना जी बाई ने सरब सुहाग॥
औरों ने देसों बाई पुड़ी ए बोंधाय,
…. बाई ने देसों सरब सुहाग॥
पुड़ियो रो बाधो बाई खुल खुल जाय,
बचनों रो बाधो बाई रो सरब सुहाग॥
दौड़ी दौड़ी बाई आपरै (दादाजी बाबाजी सब का नाम),
रे लाय, दोनी …….बाई ने सरब सुहाग॥
बन्नी-बन्नो म्हारो श्याम सुन्दर अवतार,
किन्ने री डोर हलाबै ए॥
बन्नो म्हारो रामचन्द्र अवतार,
सीता संग ब्याह रचावै ए॥
बन्नो म्हारो होली रो खेलार,
होली रो चंग बजाबै ए॥
पेचों पर पेच लड़ावै ए,
किनेरी डोर लगावै ए॥
बन्नो म्हारो सोनों लावै ए,
बनड़ी रे हार चड़ावै ए॥
हास्य टप्पा गीत:-1
और बात री रेल पेल (वस्तु का नाम) री संकडाई रे,
हाथ जोड़ (सगोजी का नाम) ऊभी बगसो थोंरी लुगाई थोंरे (वस्तु का नाम) संकडाई॥
हास्य टप्पा गीत:-2
इणगी जोऊं उणगी जोऊं (सगोजी का नाम) चन्दजी कठै न दीखे रे…..
पहन सगी जी घोघरो (जाति की नाग) में आटो पीसे मुकलाल॥
झूमरे की लग जाय धीरे सरदार।
पीसाई में फंस जाय सिरे उमराब॥