बीकानेर की सबसे अलग और निराली होली -विश्व प्रशिद्ध रम्मतों का दौर आज से शुरू

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बुधवार रात नथुसर गेट के अन्दर फक्कड़ दात्ता रम्मत जो पहली रम्मत है यानि इस दिन से राम्मतो का आगाज । अब हर दिन किसी न किसी मोहल्ले में हर दिन एक रम्मत होगी । होली के अवसर पर होने वाली ये रम्मतें विश्व प्रसिद्ध है । इस दिन दूर दराज के लोग बरबस ही खीचें चले आते है, ये रम्मतें किसी मंच, स्टेज, भवन या चार दिवारी में न होकर खुल्ले मैदान में जिसको अखाडा कहा जाता है वहा होती है । अखाड़े में राजस्थान की सोनलिया माटी यानि बालू मिट्टी की चादर बिछाई जाती है और अखाद्ची यानि रम्मत के कलाकार इस अखाड़े में प्रवेश करते समय इस माट्टी को नमन कर माथे पर लगते है, फिर रम्मत का मंचन करते है । रम्मत का अर्थ सामान्य शब्दों में रम्मने यानि खेलने से बना है । अगर आज की भाषा में बात करें तो एक प्रकार का नुक्कड़ नाटक ।
बीकानेर में स्वांग -मेहरी, हेडाऊ-मेहरी, शहजादी-नव टंकी, अमरसिंह – राठौड़, की मुख्य रम्मतें होती है । यहाँ हर रम्मत से पहले अखाड़े में भगवन गणपति या फिर आशापुरा माता आतें है और उस समय लोगों की आस्था और भावाना का नजारा यहाँ देखा जा सकता है लोग उन्हें प्रशाद खिलाते है हाथ जोड़ कर प्राथना करते है कि उनके घर और उनके शहर में खुशहाली रहे उनकी मन की कामना पूरी हो और जब उस वर्ष पूरी होती है तो अगले साल फिर वो धन्यवाद करते हुवे आगामी वर्ष के लिए निवेदन करते है । स्वांग -मेहरी रम्मत में खासतौर से हर वर्ष ख्याल और चौमासा गाया जाता है, ख्याल में वर्तमान व्यवस्थों पर राजनीती पर सरकार पर खुल्ले मैदान में करार व्यंग किया जाता है और उन्हें चेतावनी तक दी जाती है खास बात ये है की शहर के राजनेता खुद इसको सुनने और देखने तक आते है और वे बुरा नहीं मानते । चौमासा में प्रेम प्रसंग नव- विवाहितो के मन में चल रही उथल पुथल प्रेम रस से सरोबर गीत गए जाते है । इन रम्मतो को देखने के लिए पुरुष ही नहीं महिलाये भी भारी संख्या में आती है । इसी प्रकार बाकि रम्मतो में भी विशेष पात्र की भूमिकाये होती है, देर रात से शुरू होकर शुबह तक ये चलती रहती है । जहा आज फक्कड़ दाता की रम्मत शुरू होगी, वही कई रम्मतों का अंतिम पूर्वाभ्यास चल रहा है ।
पुष्करणा सावा की सफलता के बाद और आप लोगो की बेहद मांग पर हम अब हर दिन कोई नया आयोजन होली का रमक झमक लेके आयेंगे जिनको इस बीकानेरी होली के बारे में बिलकुल नहीं पता उनको हम बता दे की होली के इस अवसर पर आप इस साईट पे देख सकेंगे–
महिला व् पुरषों के बीच और देव दानव के बीच फगानिया फुटबाल मेंच,
जूतों व चपलो की तन्नी
शहर में घूमते स्वांग
फगानिया होली गीत व गैर
राख़,धुल रंग गुलाल व केशर की होली
पानी मार् डोलची खेल व सप्त रंगी होली
होली की भांग, ढूँढना, होली की रात में तपस्या व सिद्दी-साधना
डांडिया, मंदिरों में होली, लक्ष्मीनाथ की होली, फागुनी बहार और सुन्ना मंडल की सुन्नी बातें
तो देखते रही और अपने विचार भी लिखते रहिये ……………….

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