क्या आप अपनी बिटिया के विवाह के लिए अच्छा वर ढूंढ रहे है ? अबतक कन्या के लिए कोई अच्छा रिश्ता नहीं आ रहा ? रिश्ता तय नही हो पा रहा ? कन्या के विवाह संबंधी कई अड़चने परेशानियां पैदा हो रही है ? रिश्ते कई आते है किन्तु तय नहीं हो पाता ? रिश्ता तय होते होते बीच में ही कोई नई समस्या आ जाती है या लड़की की उम्र बड़ी हो चुकी है इसलिए वर उसके अनुसार नही मिल पा रहा हो मांगलिक दोष हो! शनि प्रभावित हो! या फिर किसी पंडित जी ने कह दिया की आपकी कुंडली में गृहस्थ सुख की कमी है! कन्या की शादी होकर टूट गई आप दोबारा विवाह करवाना चाहते है और ये चिंता है की फिर से ऐसा न हो जाये ?
माता पर विश्वास कर ये कीजिये रामबाण उपाय
आप बहुत से उपाय खुद कर चुकी है या फिर आपके माता-पिता करवा चुके है फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ हो तो क्या करना चाहिए ? किसी ने कहा व्रत करो, किसी ने कहा दान करो, किसी ने कहा पाठ करो, किसी ने कहा अनुष्ठान कराओ, किसी ने कहा ये रत्न पहनो, किसी ने कहा ये जन्तर पहनो, किसी ने कहा ये करो, किसी ने कहा वो करो और आप सब कुछ करके थक चुके है । ऐसा भी हो सकता है कि आप अब तक इन चक्करों में काफी पैसा धन देकर अपने आप को ठगा चुके हो! अब आपका विश्वास भी ख़त्म होता जा रहा है तो अब बस जो उपाय बताने जा रहे है वो करें और माता कात्यायनी पर पूर्ण विश्वास रखें। इस बार आपकी इच्छा पूरी होगी। न केवल जल्दी होगी बल्कि विवाह और जीवनसाथी भी अच्छा होगा।
माता कात्यायनी की पूजा करे
नवरात्रा के प्रथम दिन से (अगर नही तो छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा) शादी के योग्य लड़कियां ये स्वयं करे या माता पिता अपनी बेटी से ये करावे । कन्या स्वयं नहा धोकर शुद्ध होकर नए कपड़े पहने जो अपनी कुंडली के 7वे घर यानि पति घर के मालिक ग्रह के अनुसार रंग वाला हो और साथ में पीला कपड़ा जरुर हो सिर पे चुनरी होना जरुरी है । तत्पश्चात सामान्य पूजा की तैयारी करे और माता कात्यायनी की पूजा करे । भगवान श्री कृष्ण को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए गोपियों ने माता कात्यायनी की पूजा ही की थी। पूजा में कुछ सामग्री की आवश्यकता होगी जैसे – गुलाब फुल, केशर, गुलाब, जल, गुलकंद, मिश्री, चुनरी, सुहाग की यथा सामर्थ्य सामग्री, धुप, दीप, श्रीफल (नारियल)। ये सामग्री लेकर तैयारी कर ले फिर कात्यायनी माता का सर्वप्रथम ध्यान कर फिर पूजन करे ।
इस मंत्र को पढ़े
चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
ॐ कात्यायनी महामाये महा योगिन्य धिश्वरी
नन्द गोपसुतं देवी पतीमें कुरुते नम:
खासकर ये मन्त्र नवरात्र में कम से कम 108 बार प्रतिदिन करे । (श्रीमदभागवत पुराण में आया है की कृष्ण जैसा जिसको पति चाहिए वो ये करे )भगवान श्री कृष्ण प्यार और प्रेम के प्रतीक और 16 कलावो से परिपूर्ण है ।
शोक भय और कष्टों को दूर करेगी माँ
माता की पूजा करने से रोग, संताप, शोक और भय भी समाप्त हो जाता है और भक्तों को अर्थ, काम, धर्म और मोक्ष फल की प्राप्ति होती है। आप इस बार किसी चक्कर में न पड़कर और बिना कहीं और पैसा लगाए सिर्फ ये विश्वास के साथ माता की पूजा करें। और हां इसके साथ स्वयं केशर का तिलक भी प्रतिदिन जरुर लगाये। विश्वास रखिये कात्यायनी माता की कृपा इस बार आप पर होगी और हां पूजा के बाद भैरू बाबा के लड्डू जरुर चढ़ाये ।
प्रहलाद ओझा भैरू (9460502573)