बीकानेर की धूणा संस्कृति बीकनेर शहर के अलग अलग चौक में स्थाई रूप से धूणे बनाये गए है जो सर्दी में ना सिर्फ चर्चा करने स्थान है बल्कि यही से जीव जंतुओं की सेवा का कार्य भी होता है। अलाव तपने के साथ साथ बीकानेर शहर के लोग यहाँ गाय, गोधो, कुतो की देख रेख करते है। जानिये पूरी डिटेल में हर चौक के धूणे के बारे में वीडियो में
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हवेलियों, पाटों, चौक व गुवाड़ वाला शहर बीकानेर
जन्मदिन अक्षय तृतीया पर विशेष बीकानेर शहर में लाल पत्थरों की हवेलियां और उनकी नक्काशी, ऊँठ की खाल पर उस्ता कला, काष्ठ पर मथेरण कला,शहर के दरवाजे,गेट,बारियां, गुवाड़, घाटी,चौक और चौक में रखे हुवे बड़े -बड़े पाटे इस शहर को खाश बनाते है। खाशकर शहर परकोटे की खाश जानकारी लगभग हर चौक की जो मौखिक सूत्रों से संजय श्रीमाली ने लिखी है। आप भी जानकर पढ़कर आनंदित होंगे। (रमक झमक) इतिहास व सस्कृति से समृद्ध शहर बीकानेर शहर ऐतिहासिक एवं सांस्कृति दृष्टि से बहुत समृद्ध रहा है। शहर की बनावट,…
Read Moreदानवीर व रंगबाजों का शहर- दम्माणी चौक बीकानेर
बीकानेर शहर यात्रा (2) दानवीर व मनमौजी सेठों की रंगबाजियों के किस्सों के लिए प्रसिद्ध रहा है दम्माणी चौक। छतरी वाला पाटा और चौक को फ़िल्म यादगार में दिखाया गया फ़िल्म का गाना इसी चौक में फिल्माया गया। शहर के सबसे चहल-पहल वाले चौकों में दम्माणी चौक छतरी के पाटे तथा घर की छत पर छतरी हेतु प्रसिद्ध है। शहर के पुराने चौको में से दम्माणी चौक भी है जो कि 300-400 वर्षों का इतिहास अपने में समेटे हुए है। दम्माणी चौक में ज्यादातर दम्माणी (माहेश्वरी) जाति के लोग तथा…
Read Moreनोट चिपका कर पतंग उड़ाने वाला दस्साणियों का चौक बीकानेर
नोट चिपका कर पतंग उड़ाने वाला दस्साणियों का चौक :- अनोखे शहर के अनूठे चौक(1) रंगीले, मस्ताने व अनूठे शहर बीकानेर के स्थापना दिवस पर हम आज से प्रमुख चौक व मोहल्लों से आपको परिचय करवा रहे है। इस शहर का करीब करीब हर चौक अपने आपमें कुछ खाश है । इन चौक व गुवाड़ की खाशियतें ही है जो हर किसी को अपनी ओर खींच रही है। आज ले चलते है एक अनूठे चौक:- दस्साणियों का चौक :- इस चौक के शक्तिदान दस्साणी पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।…
Read Moreशादी व सन्तान के लिये करें यहां बारहमासी गणगौर के दर्शन
बारहमासा गणगौर चमत्कारिक शादी व सन्तान के लिये करें दर्शन ——————– गणगौर अनेक रूपों मे प्राचीन काल से ही पुजन की जाती रही है कुआँरी गणगौर,धींगा गणगौर, बारहमासा गणगौर । बारह मासा गणगौर चैत्र शुक्ल एकादशी व द्वादशी को दोपहर निकलती है और गढ़ पहुँचती है जहाँ भव्य मेला भरता है और सभी गणगौर इकत्रित होती है खोल भरी जाती है और महिलाए अपने साड़ी या ओढ़ना के पल्लू को गीला कर गवरजा को पानी पिलाती है। बारहमासा गणगौर का व्रत करने का विधान है, कहते है उसे नियमपूर्वक करने…
Read Moreसड़क किनारे कोई असहाय लाचार दिखे तो इनसे संपर्क करें, ये संस्था करेगी इनकी मदद
‘मां माधुरी बृज वारिस सेवा सदन अपना घर संस्था’ जिसकी शुरुआत राजस्थान के भरतपुर जिले से हुई आज इसकी पुरे देश में कई शाखाएं है। हम बीकानेर जिले रानी बाजार स्थित अपना घर आश्रम पहुंचे। संस्था द्वारा असहाय मरीजों, लाचार की सेवा करने का भाव इतना शुद्ध है की आश्रम में इनको प्रभुजी कहकर सम्बोधित किया जाता है और इनके नहलाने को भी प्रभु जी का अभिषेक कहा जाता है। आपको कही भी सड़क किनारे लाचार, पीड़ित, असहाय, मानसिक रोगी, जिसके आगे पीछे कोई भी ना हो तो आप इनसे…
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