बीकानेर शहर के 100 वर्ष पुराने धूणे, संस्कृति बचाये रखे है हमारे धूणे

Bikaner Dhuna
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बीकानेर की धूणा संस्कृति बीकनेर शहर के अलग अलग चौक में स्थाई रूप से धूणे बनाये गए है जो सर्दी में ना सिर्फ चर्चा करने स्थान है बल्कि यही से जीव जंतुओं की सेवा का कार्य भी होता है। अलाव तपने के साथ साथ बीकानेर शहर के लोग यहाँ गाय, गोधो, कुतो की देख रेख करते है। जानिये पूरी डिटेल में हर चौक के धूणे के बारे में वीडियो में

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हिरना किशना गोविंदा प्रह्लाद भजे, भरा नरसिंह जयंती पर मेला देखे फोटो

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नरसिंह जयंती के दिन विभिन्न चौक में नरसिंह जी का मेल भरा । मेले को देखने दर्शको और भक्तों की काफी भीड़ लखोटियों के चौक, डागा चौक व नथुसर गेट पर रही । लखोटियों के चौक में शाम पांच बजे ही हिरन्यकश्यप का रूप धर विभिन्न मोहल्लो में चक्कर निकालने चालू कर दिए और करीब ६ बजे नरसिंह रूप धर चौक के पाटे पर आये और प्रह्लाद को गोद्द में लेकर नृत्य किया । चारों तरह ‘ हिरना किशना गोविंदा प्रह्लाद भजे’ के श्वर सुनाई दे रहे थे । छोटे…

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