नाहरसिंह का कड़ा, जो सिंवरे हाजिर खड़ा।। लक्ष्मी पूजन से पहले होती है नारसिंह पुजा।। दीपावली से एक दिन पहले बीकानेर शहर में या बीकानेर के लोग जहां भी रहते है, वो नरक चतुर्दशी को भगवान नाहरसिंह की पूजा करते है। शाम को भोजन पकाने वाले स्थान रसोई को धो पूछ कर दीवार पर मिट्टी गोबर का लेपन का अथवा रसोई की दीवार को सिर्फ धो पूछ गंगाजल से शुद्ध कर घृत सिंदूर व कुंम कुंम से त्रिशूल की आकृति उकेर कर सपरिवार पञ्चोपचार पूजन करते है तथा प्रार्थना व…
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शीतला अष्टमी ‘बास्योड़ा’ पूजन की पौराणिक कथा व पूरी जानकारी
शीतलाष्टमी का त्योहार होली के बाद मनाया जाता है। कई जगह इसे बासौड़ा भी कहते हैं। ये हमें ऋतु परिवर्तन का संकेत भी देते है। इस त्योहार में शीतला माता की पूजा की जाती है और माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है। इसके लिए एक दिन पहले है घरों में भोजन बना लिया जाता है और अष्टमी के दिन माता के भोग लगाया जाता है। शीतला माता वाले दिन गर्म खाना पीना निषेध है। इस दिन माता के मटके में पानी भरा ठंडा जल चढ़ाने व ठंडा…
Read Moreबीकानेर के देवी कुंड सागर का चमत्कारी सती माता मंदिर जहां खंभों से आज भी बहता है दूध
बीकानेर का देवी कुंड सागर जो यहां से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर गडसीसर गांव के पास स्थित है बीकानेर राजवंश का श्मशान घाट कहा जाता है। बीकानेर के पूर्व राजाओं महाराजाओं रानियों का अंतिम संस्कार इसी जगह पर किया गया वह जिस जगह पर उनका दाह संस्कार किया गया उसी जगह पर एक छतरी बना दी गई। यहां महाराजा गंगा सिंह जी की पत्नी वल्लभ कुंवर देवी की भी छतरी है जिसे ‘दूध झरने वाली छतरी’ भी कहा जाता है। यहां आज भी दूध झरने की घटना होती…
Read Moreभारत एकमात्र गणेश मंदिर जो राजस्थान के बीकानेर में है
भारतवर्ष में कई ऐसे प्राचीनतम मंदिर अनोखे मंदिर है जो अपनी एक अलग विशेषताओं के लिए पूरी दुनिया में पहचान रखते है ऐसे ही एक मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले में है जहां भक्त गणेश भगवान के निज मंदिर में प्रवेश कर उनके कानों में अपनी मनोकामना बोलते है और उनकी इच्छा पूरी भी होती है इस गणेश जी मंदिर का नाम है कान गणेश जी मंदिर कई लोग इसे कान वाले गणेश जी भी कहते है। यह मंदिर राजस्थान बीकानेर जिले के अन्त्योदय नगर में स्थित है। आप नीचे…
Read Moreकैसे पड़ा कोडमदेसर भैरव नाम, जानिए भैरव के चमत्कार
बीकानेर में स्थित कोडमदेसर भैरव के बारे में इस वीडियो में पूरी डिटेल में जानिए कि कोडमदेसर नाम कैसे पड़ा राव बीकाजी का इस गांव से क्या संबंध है इस मंदिर की स्थापना कैसे हुई और क्यों आज भी इस मंदिर पर छत का निर्माण नहीं किया जाता तथा मंदिर की स्थापना के बाद कौन-कौन से चमत्कार हुए हैं यह सभी जानकारी आपको इस वीडियो में पूरी डिटेल में मिलेगी।
Read Moreसियाणा भैरव मेला वीडियो
बीकानेर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्वर्णाकर्षण भैरव सियाणा गाँव में मंदिर है जहाँ हज़ारों लोग पैदल, दंडवत करते हुए सियाणा पहुंचते है कई संस्थाएं अपनी सेवाएं देती है। भैरव मंदिर में जात झड़ूलें उतरते है यहाँ आने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। कलियुग में भैरव सबसे जल्दी फल देने वाले देवता माने जाते है।
Read Moreपुरुष से भी अधिक महिला को सम्मान देने वाला शहर
मरुनायक चौक बीकानेर शहर यात्रा(3) -संजय श्रीमाली, उस्ता बारी, बीकानेर। नाटेश्वर महादेव जहाँ पार्वती महादेव से आगे। मरूनायक चौक को मंदिरों का चौक कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी हर शिव मन्दिर में शिवलिंग के पीछे पार्वती की मूर्ति होती है या कई जगह शिव मूर्ति के साथ बराबर में पार्वती की मूर्ति होती है,लेकिन बीकानेर शहर के मरुनायक चौक में ऐसा शिव मंदिर है जहां मन्दिर में शिव लिंग से पहले मां पार्वती की मूर्ती है, यानि आगे है। आज के युग में महिला सम्मान व समानता की बात…
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