‘कल तक खेली कूदी झगड़ी, इस घर के आंगन में, तेरी किलकारी से आती खुशियां,इस जीवन में’ विदाई गीत की ये पंक्तिया शुक्रवार को रमक झमक संस्थान की ओर से पुष्करणा सावा ऑलम्पिक के उपलक्ष्य में आयोजित ‘सावा काव्य धारा’ कार्यक्रम में कवि संजय आचार्य वरुण ने प्रस्तुत की । कार्यक्रम में कवि कथाकार कमल रंगा नर ‘सावा है भाइपे री,सामूहिकता रौ भाव है’ प्रस्तुत की । हास्य व्यंग्य कवि बाबूलाल छंगाणी ने सावा धमाल ‘सावो टिपग्यो रे,किण नै ही म्हारे पर दया नीं आई रे’ प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों…
Read MoreTag: krishna acharya
सावे की परम्परा को बचाने में पहल करेगी महिलायें रमक झमक ने करवाया महिला सम्मेलन
सावे की परम्परा को बचाने में पहल करेगी महिलायें रमक झमक ने करवाया महिला सम्मेलन बीकानेर। सावे की परम्परा बचाने के लिये सोमवार को पुष्करणा समाज की महिलायें एक मंच पर जुटी। कैसे अपनी पंरपरा को बचाने के लिए कम खर्च में और कुरीतियों को मिटाने में महिलायें सहयोग कर सकती है। इन्ही मुद्वो पर रमक झमक डॉट कॉम के बैनर तले महिला सम्मेलन में चर्चा हुई। सम्मेलन में पहॅुची महिलाओ ने संकल्प लिया कि वे अपने परिवार और मिलने वालों में सावे की परंपरा को बचाने में पहल करेगी।…
Read More