धींगा गवरजा की कहानी ( मोम की गुडीया ) कैलाश पर्वत पर शिव – पार्वती बैठा था चैत्र माह शुरु होते ही ” गवरजा ” रा ” बालीकाओं कन्याओं ” द्वारा पूजण शुरु हो गया । पार्वती शिवजी सू बोली कि मैं भी म्हारे पिहर जावणो चाहू , आप हुकम करो तो । महादेव जी बोल्या , म्हारी भांग घोटण री व्यवस्था कूण करसी जने पार्वती व्यवस्था रे रूप में एक मोम री गुडिया बनाई और आपरी शक्ति सू उसमें जीव डाल दिया , बा चेतन हो गई पार्वती बे…
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