बीकानेर। भारत में विवाह की अनूठी व पौराणिक संस्कृति है । पुष्करणा सामूहिक ‘सावा’ जिसको देखने व शामिल होने के लिये देशभर से लोग आते है। इसलिए रमक झमक की ओर से बीकानेर रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर पुष्करणा सावा संस्कृति की झलकी सहित स्वागतम् के फ्लेक्श व होडिंग लगाए गए है। कई अन्य शहरों में भी हमारी संस्कृति के फ्लेक्स लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने बताया कि इस बार खासतौर से देश व विदेश से सावा देखने व संस्कृति को समझने की जिज्ञासा लेकर आने वालों को सावा की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी व इंग्लिश में प्रिंटेड सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें सावा क्या है व अन्य शहरों व समाज की शादियों से इसमें क्या अलग व क्या खास है तथा कौन- कौनसी प्रमुख व पौराणिक रस्में होती है उसका नाम व महत्व के साथ फोटो चित्र बताने का प्रयास किया जाएगा।