पहले माँ भगवती खेलती है होली, फिर बीकानेर शहरवासी
इस शहर में होली पूरे 8 दिन खेली जाती है। शहर के लोग एकत्रित होकर फाल्गुन शुक्ला सप्तमी (खेल सप्तमी) को माँ भगवती नागणेची के दरबार पहुचते है और सबसे पहले भगवती को होली खेलाकर उन्हें रिझाते है और प्रार्थना करते है कि आज 8 दिन लगातार उन्हें होली खेलने की इजाजत दे और इस दौरान शहर में शांति सद्भाव बना रहे और आनन्द की बयार बहती रहे। भक्त अपने भाव से माता द्वारा शहर में होली खेलने की स्वीकृति लेकर शहर में गुलाल उछालते हुवे भजन गीत गाते हुवे शहर परकोटे में जब प्रवेश करते है तो यह समझा जाता है कि अब शहर में होली खेलने की इजाजत है, खेल सप्तमी के दूसरे दिन से लगातार दिन-रात किसी न किसी चौक या गुवाड़ में होली का कार्यक्रम होता रहता है। आधुनिक पाश्चात्य संस्कृति के बीच बीकानेर शहर ने आज भी अपने शहर की मौलिक परम्परा संस्कृति को कायम रखा है।
प्रहलाद ओझा ‘ भैरू ‘ ( संस्कृति कर्मी )
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