हिन्दू संस्कृति के सबसे बड़े त्योहार दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है। पांच दिवसीय दीप पर्व की शुरुआत कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी से होती है। धनतेरस का दिन भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। इस दिन समुन्द्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे । जिन्होंने आयुर्वेद का प्रचार प्रसार कर लोक कल्याण शुरू किया। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरी का अवतार लिया था। भगवान धन्वंतरी जी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में धनतेरस का त्योहार मनाए जाने की शुरुआत हुई।
स्वास्थ्य भी है धन
भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर मे माया’ इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया गया है। जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है।
धनतेरस के दिन खरीददारी का महत्व
धनतेरस के दिन सोने चांदी के गहने और बर्तन खरीदने की मान्यता रही हैं और इसी दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा भी काफी लंबे समय से चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन झाडू की खरीददारी करने से घर में सुख, शांति और संपन्नता बनी रहती है। मत्स्य पुराण में झाड़ू को मां लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। ये भी माना जाता है कि झाड़ू खरीदने से घर से गरीबी जाती है और ऋण से भी मुक्ति मिलती है।
धनतेरस के दिन झाडू खरीदने का क्या है महत्व
इस दिन झाड़ू खरीदा जाता है। मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से गरीबी दूर होती है साथ ही नई झाड़ू से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर अपने घर में लाना चाहिए। इससे पैसों की तंगी को दूर किया जा सकता है। शास्त्रों में इसे माता लक्ष्मी का प्रतिरूप माना जाता है। झाड़ू को कभी भी पैर नही लगाना चाहिए इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
विज्ञान सम्मत और आज के जीवन में व्यावहारिक है हमारी धर्म संस्कृति मान्यताएं
ध्यान रहे कि हमारा धर्म संस्कृति विज्ञान सम्मत है साथ ही यह आज के जीवन में व्यावहारिक भी। इन दिनों साफ सफाई का विशेष महत्व है और झाड़ू से ही साफ सफाई की जाती है जिससे गंदगी को बाहर फेंका जाता है। गंदगी को घर की दरिद्रता नकारात्मकता माना गया है। साफ सफाई के दौरान बीमारी फैलाने वाली गंदगी मच्छरों की भी सफाई हो जाती है। इसलिए झाड़ू का सदुपयोग हमारे जीवन में विशेष महत्व रखता है और आम दिनों में भी यह उपयोगी रहता है साथ ही ऐसी चीज जो कि हमारे दैनिक जीवन में सहायक है उसका महत्व बढ़ जाता है इसलिए धनतेरस के दिन इसका महत्व बताया गया है।
धनतेरस के दिन खरीददारी का श्रेष्ठ मुहूर्त
यद्धपि खरीदारी और पूजन के लिये धनतेरस का पूरा दिन श्रेष्ठ माना जाता है फिर भी पंडित राजेन्द्र किराड़ू द्वारा बताए गए मुहूर्त के अनुसार ये श्रेष्ठ समय रहेगा।
सुबह 9 से 10:30 बजे
सुबह 10:30 से 12 बजे
शाम 7 से 9 बजे