बीकानेर में बारह मासा गणगौर का मेला भरा गया और कल बारह मासा गणगौर को चोतिना कुआ पर पानी पिलाने व जूनागढ़ में खोल भारी रस्म के साथ बारह मासा गणगौर को विदाई दी जाएगी । इससे पूर्व शहर भर में गणगौर को घुमाया जायेगा लोग अपनी अपनी गणगौर की मूर्तियों को लेकर सगे सबंधियो के यहाँ जायेंगे । आज शहर के कई चौक और मोहलों में शाम को गणगौर बैठी
। बारह गुवाड़ चौक में इश्वर महाराज छंगाणी की मिटटी कुट्टी की बनी गवरजा के दर्शन करने वालों व पर्यटकों की भीड़ काफी थी क्योंकि बीकानेर की एक मात्र गणगौर है जिसे साथ न केवल इश्वर बल्कि भगवान गणेश,सिर पर छोटा कलश रखे गुजरी भी थी बालिकाएं गणगौर के आगे नृत्य कर रही थी । इसके साथ सुरदासनी गली में पुरोहितों तथा छंगानियों की गणगौर के आगे पुरोहित मण्डली ने खुल्ले मैदान में माता गणगौर के सामने बैठ कर गवरजा की स्तुति की “माता ए थारे टाबरियों ने अम्मी भर छाटो घाले” , ” तथा झडा फड्डी रंग महल में रे राज” छोड़ गवरल इश्वर रो दुपट्टो आदि देर तट तक गाकर वातावरण बनाया ।