हमने यह तो सुना था कि बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन और सार्वजनिक स्थल पर कई बार जेब कट जाती है साफ हो जाती है लेकिन कोई घर बुलवाकर स्वयं लुटवाएं तो ! जी हां जनाब ! ये पाटे पर खबर है भीख मांगने घर आए भिखारी ने धीमें स्वर में कहां बहनजी मेरे पास एक सोने का हार है मुझे कहीं से मिल गया था, बाजार में बेच भी नहीं सकता अगर आप इसे ले लेवे तो००००० बहनजी मन ही मन बड़ा खुश होकर बड़़ी होशियारी से कहा बताओ बहनजी ने उस हार का एक छोटा टुकड़ा जॉंचने के लिए लिया और मिनटो में जाकर सुनार से जांच करवाई सुनार कहा असली है ! बस ! बहनजी दौड़ी-दौड़ी आई और लगभग 10 तोला सोने के हार का भाव तोल करके उसको पुलिस का डर दिखाके पूछा तो उसने कहा उसे कहीं रास्ते में मिल गया वो बाजार में बेचेगा तो पुलिस पकड लेगी ।
बस ! बहनजी ने फिर पुलिस का डर दिखाया और मात्र 5000 हजार में 10 तोला सोने का हार ले लिया ओैर पाटा तो यह भी कहता है कि उस बहनजी ने कहा कि हां अब इस इलाके में नजर आए या चर्चा की तो वो पुलिस में शिकायत कर देगी । बहनजी के आदेष की पालना कर और 10 तोला का सोने का हार देकर 5000 लेकर तुरन्त चल दिया । बहनजी अब तो अपने आप को लखपती मानकर दूसरे दिन एक टुकडा लेकर दोबार सुनार के पास गई और बोली सोनीजी ये कितने का है और सोनीजी का जवाब सुनकर बहनजी की बीपी लो ! पता है सोनीजी ने क्या कहा ये भरतिया पीतल है 20 रूपये दे सकता हूं । अरे ! कल तो जो बताया तो आपने कहा वो असली है, हां बहनजी वो टुकड़ा तो असली ही था अब बहनजी के सब समझ आ गया, लालच में आकर घर में बुलाकर एक ही रात में हराम की कमाई से लखपती बनने का सपना सपना ही रह गया । पाटा कहता है कि बाहर लुटते तो कई देखे हमने घर में बुलाकर लुटते पहली बार देखा ।
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