यदि आप अपनी या अपनी संतान की शादी विवाह हो रहे विलम्ब को लेकर चिंतित है और रिश्ता अबतक तय नहीं हो पाया है और आप कई उपाय, टोटके, जन्तर, मंतर करके थक चुके है तो आप निराश न हो माँ दुर्गा की पूजा कर और उन्हें अपनी चिंता को उनके चरणों में भेंट कर देवे और अपना सार्थक प्रयास पुन: शुरू करे ।
आप नहा धोकर माँ दुर्गा की पूजा करे जो आम तौर से करते है उस पूजा में माता को नौ प्रकार की मिठाई के नग चढाए, नौ पौशाक व् नौ नारियल के गट जिसमे मेवा भरा हो वो भेट जरुर करे और लगातार नौ दिन तक
दुर्गा शप्तसती का इस मन्त्र के सम्पुट के साथ करे-
“ॐ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।”
अगर पूरी शप्तसती न कर सके तो ये करले और ९ माला उक्त मन्त्र की करलें ।
विनियोग :
ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ॠषिः, अनुष्टुप
छन्दः, श्रीमहाकाली-महालक्ष्मी-महासरस्वत्यो देवताः, श्री दुर्गाप्रीत्यथं
सप्तश्लोकी दुर्गापाठे विनियोगः ।
1 – ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा ।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ १ ॥
2 – दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥ २ ॥
3 – सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते ॥ ३ ॥
4 – शरणागतदीनार्तपरित्राणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तु ते ॥ ४ ॥
5 – सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते ॥ ५ ॥
6 – रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्र्यन्ति ॥ ६ ॥
7- सर्वबाधाप्रश्मनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्र्वरि ।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ॥ ७
पूजन व भेट के बाद मिठाई व पौशाक नौ गरीब कन्याओं को वितरित करदे तथा गट नौ अलग अलग जगह चीटियों वाले स्थान (कीड़ी नगरा ) से २ फुट दूर २ फुट गहरा गड्ढा खोद कर उसमे उनको डाल देवें तथा गढ़े को मिटटी से भरदे व उसके ऊपर पत्थर आदि रख देवें । याद रहे ये करते समय भी आप मन ही मन पत्नीं मनोरमा ….वाला मन्त्र मन ही मन करे ।
आप बहुत से उपाय कर चुके इस बार ये करे जरुर सफलता मिलेगी ।
Prahlad Ojha ‘Bhairu’ (9460502573)