पुष्करणा सावा संस्कृति का संवाहक है ‘रमक-झमक’ :डाॅ.जोशी(विधायक)
पुष्करणा सावा वेबसाइट ‘रमक-झमक डाॅट काॅम’ की हुई रीलांचिंग
बीकानेर। बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक डाॅ. गोपाल जोशी ने कहा कि ‘रमक-झमक’ संस्था पुष्करणा के रीति-रिवाज, परम्परा और संस्कृति की संवाहक है। संस्था द्वारा सूचना प्रौद्योगिक के माध्यम से यहां की संस्कृति को देश और दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, यह सराहनीय कार्य है।
डाॅ. जोशी ने रमक-झमक संस्था की सामाजिक व सावा संस्कृति के लिए बनी वेबसाइट ‘रमक झमक डाॅट काॅम’ की री-लांचिंग पर यह उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पुष्करणा का ‘ओलम्पिक सावा’ अतिविशिष्ट है। यह सदियों पुराना है तथा इसकी अपनी मान्यताएं एवं परम्पराएं हैं। आज भी पूरी दुनिया में इसकी विशेष पहचान है। उन्होंने कहा कि रमक-झमक द्वारा इन परम्पराओं को जीवंत रखने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। संस्था पिछले तीन दशक से अधिक समय से सावे के दौरान मितव्ययता बरतने के आह्वान के साथ, जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही है।
विधायक ने कहा कि संस्था द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग करते हुए वेबसाइट का संचालन किया जा रहा है। इस वेबसाइट का नया रूप अधिक आकर्षक एवं ज्ञानवर्धक है। उन्होंने कहा कि ‘सगे सगे री जड़’ व ‘लगावण ने कुंकू बाजावंनै पूं पूं’ जैसे कहावते इस सावा में प्रेक्टिकल रूप से देखी जा सकती है जिन युवाओं को ये जानकारी नही है उनको रमक -झमक इंटरनेट के माध्यम से देश भर को इस परम्परा का महत्व बता रहा है । उन्होंने लेपटाॅप पर क्लिक करते हुए वेबसाइट की री-लांचिंग की।
रमक-झमक संस्था के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैंरू’ ने कहा कि वेबसाइट में पुष्करणा सावा का इतिहास के साथ साथ पुष्करणा विवाह के रीति रिवाज परम्परा ‘गौत्राचार’, ‘दूध पिलाना आटी तानना’, ‘पौखना’ आदि के पीछे की गहरी सोच व विज्ञान तथा तर्क क्या है वो भी बताया गया है । गत वर्षों में हुए पुष्करणा सावा की झलकियां तथा संस्था द्वारा की गई गतिविधियों की जानकारी एवं फोटोग्राफ्स सहित अन्य उपयोगी जानकारी भी संकलित की गई है। रमक-झमक साईट के संचालक राधे ओझा ने कहा कि विवाह तथा यज्ञोपवित संस्कार के दौरान हर परिवार के काम आने वाली आवश्यक सामग्री तथा समाज के विशिष्ठ लोगों के विचार भी संकलित किए गए हैं। इस अवसर पर मक्खन महाराज ओझा ने कहा कि पुष्करणा सावा परंपरा सबसे पुरानी है इस परंपरा को जीवित रखने में व इसका महत्व जन जन तक पहुचने में सामाजिक सावा संस्कृति की साईट रमक-झमक के योगदान को बीकानेर ही नही संपूर्ण भारत वर्ष नही भूल सकेगा ये साईट न केवल पुष्करणा बल्कि अन्य समाज को भी प्रेरणा देगी । इस अवसर पर पार्षद नरेश जोशी ने कहा कि रमक-झमक के माध्यम से देश व विदेश में बैठे बीकानेर के लोगो को बीकानेर की इस अनूठी परम्परा को देखने व समझने का मौका मिलता है जिससे वे अपने आपको बीकानेर में ही होने का अहसास कर आनन्दित होते है । पार्षद गिरिराज जोशी ने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी का रमक-झमक ने सही दिशा में उपयोग किया है जिससे आज के युवा पाश्चात्य संस्कृति की बजाय अपनी मूल परम्परा व संस्कृति को समझ सकते हे । इस अवसर पर युवा भाजपा नेता बालकिशन व्यास बलुकाका, सावर लाल ओझा, विकास किराड़ू, बी दास भी आदि मौजूद थे।
buying real viagra online
viagra stories
buy zithromax without prescription online
zithromax for sale cheap
buy zithromax canada
buy azithromycin zithromax
ivermectin lotion cost
stromectol uk buy
hydroxychloroquine sulfate tablets
plaquenil malaria
cheap ed pills from canada
pills from canada
canadian pharmacies that ship to us
buying ed pills from canada
ivermectin ebay
ivermectin 12 mg
where to buy ivermectin
ivermectin buy nz
medication for ed
impotence pills
generic hydroxychloroquine
hydroxychloroquine sulfate tablet
plaquenil eye exam
hydroxychloroquine 400 mg