ये भारतीय बुजुर्ग भी न ! हर बात पर-ऐसा करो वैसा करो और ऐसा मत करो । अरे, दुनियां कहां से कहां पहुँच गई और ये… (दुनियां कही पहुंचे लेकिन अन्तोगत्वा हमारे भारतीय बुजुर्गो व संस्कृति को तो मानना ही पड़ता है हमें गर्व है और आज दुनियां भी मानने लगी है) – घर में घुसते ही ड्योढी पर पहले हाथ- मुहं पैर धोवो । -अस्पताल जाकर आए हो तो पहले नहाओ -शवयात्रा में गए हो तो घर से बाहर नहाओ। -जन्म और मरण हो तो सुआ और सूतक के…
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तपे जेठ, तो बरखा हो भर पेट क्या है ‘तपा तप’ और ‘दस तपा’ ?
तपे जेठ, तो बरखा हो भर पेट।। क्या है ‘तपा तप’ और ‘दस तपा’ ? जेठ यानि जेष्ठ माह में जहाँ जहाँ गर्मी पड़ती है वहाँ बरसात भी अधिक होती है, इसलिये जिस शहरों में अभी गर्मी अधिक पड़ रही है उन्हें आगामी दिनों में पानी की किल्लत कम होगी। अभी अखबारों में नो तपा दस तपा हेडिंग आया लेकिन ये क्या होता है कब होता और इसका क्या प्रभाव है वो जानकारी संकलित कर बता रहा है रमक झमक। तपा तप जेष्ठ कृष्णपक्ष दशमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक…
Read Moreघुड़ला और दातनिया देना क्या है, कटे हुए सर का प्रतीक क्यों है
गणगौर में बाली गवर का पूजन करने वाली लड़किया दोपहर को दातनिया देती है और शाम को घुड़ला लेकर मोहल्ले में घर घर जाती है और गीत गाती है- ‘ म्हारो तेल बले घी घायल की घुड़लो घूमे ला जी घूमे ला’ कटे हुए सर का प्रतीक माने जाने वाला घुड़ला इसके क्या कारण जानिये इस वीडियो में
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