अगर आपकी कुंडली किसी भी ग्रह से पीड़ित है या ग्रह सम्बन्धी समस्या से आप ग्रसित है तो ना केवल उसका दान-जाप बल्कि रिश्तेदारों की सेवा उन्हें प्रसन्न रखने से भी ग्रह की समस्या दूर होती है और प्रसन्न होकर शुभ फल देते है । सूर्य- सूर्य पिता एवम पितृ पक्ष यानी दादा-दादी और दशम भाव का कारक है । सूर्य सम्बन्धी पीड़ा को शांत करने के लिए पिता की सेवा करे । चंद्रमा- चंद्रमा माता एवम उनसे सम्बंधित रिश्तेदार जैसे मौसी, मामी, मामा एवम चतुर्थ भाव का कारक है…
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