पुष्करणा ब्राह्मण समाज में विवाह से एक दिन पूर्व अथवा विवाह के ठीक पूर्व गणेश परिक्रमा जिसे स्थानीय भाषा में छींकी कहा जाता है की रस्म निभाई जाती है । छींकी में वर और वधु अपने अपने ससुराल किसी वाहन में बैठ कर जाते है, आगे आगे सर्वप्रथम पंडित कांसी की थाली में जिसमे भगवन गणपति विराजमान होते है और आटा व हल्दी से बना चहुमुखी दीपक गाय के घी से प्रज्वलित रहता है, को लेकर ॐ ना सु शि शा बोलते हुए आगे चलता है और उसके पीछे-पीछे वर अथवा वधु…
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