बिस्सो का चौक बीकानेर शहर यात्रा(5) संजय श्रीमाली, उस्ताबारी, बीकानेर। बिस्सों के चौक में बिस्सा जाति के बाहुल्य के कारण इस चौक का नाम बिस्सों का चौक हुआ। बिस्सा जाति के लो बीकानेर की बसावट के समय से ही यहां आकर बसने प्रारम्भ हो गये। पोकरण के पास ‘बीला’ गांव से काम की तलाश में यहां आना प्रारम्भ हुए। बिस्सों के चौक में रहने वाले लोगों का मुख्य कार्य रसोई बनाना तथा खाता-बही का कार्य करना था। बिस्सों के चौक का क्षेत्रफल बहुत कम है। बिस्सों के चौक के पूर्व…
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होली ख्याल-चौमासा – होठ गुलाबी म्हारा खिल रया गाल
बीकानेर में होली पर मुख्य चौक में रम्मतों का दौर चालू है । ये रम्मतें किसी मंच स्टेज पर न होकर बालू मिटटी बिछाकर या फिर पाटों पर होती है और काफी लोग दूर दूर से यहाँ रम्मतें देखने के लिए आते है । यहाँ स्वांग मेहरी, हदाऊ-मेहरी, अमरसिंह राठौड़, शहजादी राममते होती है । रम्मतों में सबसे पहले भगवान गणपति या माता आशापुरा अखाड़े में आती है और लोग भाव व् श्रधा से प्रसाद आदि चढाते है. राम्म्तो में चौमासा व ख्याल गाया जाता है जो रम्मत के कलाकार…
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