संस्कृति की संवाहक ‘रमक झमक’ का जिला प्रशासन ने किया सम्मान

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संस्कृति की संवाहक ‘रमक झमक’ का जिला प्रशासन ने किया सम्मान।
ओझा ने कहा यह सम्मान सभी परम्परा व संस्कृति प्रेमियों को समर्पित ।
समाज और संस्कृति का सम्मान है:- राजस्थानी गीतकार शिवराज छंगाणी

रमक झमक परिवार सेवा संस्कार और संस्कृति के लिये शहर परकोटे मे लगभग 40 वर्षों से समाज और शहर की पौराणिक संस्कृति व परम्पराओ के सरंक्षण हेतु निरन्तर कार्य कर रही है। विशेष रूप से पुष्करणा सावा जैसी पौराणिक संस्कृति को अक्षुण बनाए रखने के लिये सतत् प्रयासरत रहती है। सावा संस्कृति में युवाओं की रुचि पैदा करने के लिये निरन्तर नवाचार के साथ युवओं को प्रोत्साहन हेतु आयोजन करती रहती है व प्रचार प्रसार करती है।

Ramak jhamak bikaner
पुष्करणा सावा को विश्व पटल पर लाने का श्रेय रमक झमक संस्थान को

 

360 वर्षो पुरानी सामूहिक सावा संस्कृति को एक बार पुनः विश्व पटल लाने का श्रेय रमक झमक को है। अंतरराष्ट्रीय कैमल फेस्टिवल व हेरिटेज वॉक में देश विदेश के पर्यटक रमक झमक की सावा (ओलंपिक शादियों) बारात के पौराणिक स्वरूप को देखकर प्रभावित हो चुके है । देश विदेश की मीडिया ने रमक झमक के जरिए पुष्करणा सावा ओलंपिक में निकलने वाली बारात के पौराणिक स्वरूप को दिखाया। रमक झमक के फेसबुक पेज, यूट्यूब, वेबसाइट व अन्य ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम बीकानेर शहर की सांस्कृतिक विरासत से लोग घर बैठे भी रूबरू हो चुके है और सराह चुके है।

Ramak jhamak

पुष्करणा समाज अपनी संस्कृति से हुआ गौरवान्वित

माज के लोगों व शहर वासियों ने आज गौरव महसूस किया जब 73 वें गणतंत्र दिवस समारोह में राजस्थान सरकार , जिला प्रशासन बीकानेर द्वारा रमक झमक संस्थान का अभिनन्दन किया गया। यह सम्मान रमक झमक अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ को कला संस्कृति मंत्री डॉ बी डी कल्ला, सम्भागीय आयुक्त नीरज के. पवन, जिला कलक्टर भगवतीप्रशाद कलाल आदि ने गरिमामय समारोह में प्रदान किया ।

यह सम्मान सभी परम्परा व संस्कृति प्रेमियों को समर्पित

रमक झमक के संस्थापक अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ कहते है कि उनके पिताजी स्व.छोटुलालजी ओझा तुम्बड़ी वाले बाबा द्वारा संस्कृति व सामाज के कार्य छोटे रूप में शुरू किये थे, रमक झमक के माध्यम से उसको ही आगे बढ़ा रहे है। गणतंत्र दिवस पर शहर की एकमात्र संस्था को चुना गया इसमें सबकी शुभ भावनाए साथ रही। उन्होंने कहा कि रमक झमक का यह सम्मान संस्था से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों का व रमक झमक के शुभचिंतकों के साथ साथ हर उस व्यक्ति को समर्पित है जो अपनी मौलिक परम्परा संस्कृति और उसके उद्देश्य को ध्यान में रखते हुवे आधुनिक समय के साथ आगे बढ़ रहे है।

समाज और संस्कृति का सम्मान है:- राजस्थानी गीतकार शिवराज छंगाणी

मक झमक को सम्मान मिलने पर राजस्थानी भाषा साहित्य संस्कृति अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष वरिष्ठ गीतकार शिवराज छंगाणी ने प्रसन्नता जाहिर की है। छंगाणी ने कहा है कि पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से युवाओं को बचाने के लिये रमक झमक जैसी संस्था हमेशा सतत् प्रयासरत रही है। रमक झमक के प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ का सम्मान सम्पूर्ण समाज व संस्कृतिकर्मीयों का सम्मान करना है।

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