बीकानेर में अनूठी 200 शादियां, दूल्हा विष्णु दुल्हन लक्ष्मी 

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बीकानेर में अनूठी 200 शादियां
दूल्हा विष्णु दुल्हन लक्ष्मी
न बेंड न बाजा फिरभी झूमें बाराती
बीकानेर । ऑलम्पिक शादियों से विख्यात पुष्करणा शादियों का सावा जो ऑलम्पिक शादियों का नाम से विख्यात है आज सम्पन्न हुवा । बिना बैंड बाजा के पौराणिक गणवेश में 150 से अधिक दूल्हे शादी के बंधन में बंधे । रमक झमक सस्था पौराणिक सस्कृति को सुरक्षित रखने के लिये ऐसे प्रयास  कर रही है ।आज पौराणिक गनवेशी दूल्हों का सम्मान किया गया जो खिड़किया पाग पीतांबर पहने नंगे पांव विवाह करने निकले इनको समान्नित किया । समय व रस्म का पालन करने वाले को श्रीनाथजी की यात्रा पैकेज दिया गया ।
रमक झमक की ओर से बारह गुवाड़ मुख्य चौक में विष्णु गणवेश में पहुचे प्रथम दूल्हे भैरु रतन पुरोहित को ‘सिरैपावणा बींद राजा’ खिताब से पुरस्कृत किया गया,श्रीनाथ जी की यात्रा पैकेज दिया गया । रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’, जुगल किशोर ओझा पुजारी बाबा,मदनमोहन छंगाणी, शेर महाराज, लाल बाबा व बाबूलाल छंगाणी ने यात्रा टिकट व सम्मान पत्र देकर व ‘खिताब सिरै पावणा बींद राजा’खिताब देकर सम्मानित किया ।यात्रा एक माह के अंदर देय होगी ।  डॉ बी डी कल्ला व डिस्ट्रिक जज नृसिंहदास व्यास भी रमक झमक कार्यक्रम में शरीक हुवे । डॉ कल्ला व  पुजारी बाबा ने रमक झमक कार्यक्रम देखने आए  रॉयपुर, बंगलोर,कोलकता,हैदराबाद,उदयपुर,जोधपुर व दिल्ली से आए दर्शको को व कार्यक्रम देखने आए महिलाओं से वैवाहिक प्रश्न, गीत व सावा की रस्मों के बारे में पूछे और रमक झमक की ओर से गिफ्ट दिए ।  19 लोगों से लाइव प्रश्नोतरी कर गिफ्ट दिए गए । डॉ कल्ला ने बरी, खिरोड़ा  व छंकी के गीत स्वयं भी गा कर सुनाए । मेहंदी मोली नखजावित्री, हर आयो हर आयो सहित कई गीतों की कड़ियाँ गाई उपस्थित जन सैलाब ने उनके साथ टेर भरी ।जुआ टीका पौखना जैसी रस्म पर कई रोचक तथ्य भी सुनाए । कार्यक्रम संचालन करते हुवे बाबूलाल छंगाणी व गणेश कलवानी ने कविताए सुनाकर भीड़ को बांधे रखा।

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