सगाई से लेकर ब्याव तक परम्परागत शुभ कार्य

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लक्ष्मी मांगना
सगाई,
देवी देवताओं के मंगल गीत,
मिलनी,
मुंह रंगाई बड़ों का खोला,
टीकी,
लगन,
गणेश स्थापना हाथधान,
लड्डूडी चढ़ाना,
दाल देना,
माया बैठाना,
हथकाम,अटाल,पीठी,धान सोहना,लखदब,
बान,बाना रा लाडू,
गीत,
आटी,दूध पिलाना,
छिंकी ( गणेश परिक्रमा)
 पौखना,
नाणाने दादाणे रा खोला मिलनी,
मायरा (भात),
लड़की की और से खिरोड़ा,
गोत्राचार,
कन्या दान,
बड़ पापड़ बांचना,
अंजलि पुजा,
बारात ढुकाव,
पौखना
पाणी ग्रहण हथलेवा,
सेवर्ला,
मुह देखाई,
बरी,
गुड्डी जान,
ऑल थाळ,
जुआ-टीका  रुई चुगाई हास्य
टीको
विदाई
बांडा रोकाई
लूणा पाणी,
देवी देवताओं के जात फेरी
बांशी जवारी
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