घुडळा गीत:
(प्राचीन परम्परागत गीत:रमक झमक)
म्हारों तैल बले घी घाल,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
घुड़ले रे बाँध्यो सूत,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
(रमक झमक)
सुहागण बाहर आय,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
इशरदसजी रै जायो पूत,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
म्हारों तैल बले घी घाल,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
सोने रो थाळ बजाय,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
मोत्यों रा आखा घाल,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
सोने रो ट्कको घाल,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
सुहागण बाहर आय,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
जाये रा लड्डू लाय,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
(रमक झमक)
पीवर रो पीलो लाय,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
म्हारी रुई बले रेशमदार,
घुड़लो घूमे ला जी घूमें ला ।
(रमक झमक)