गवरजा माता की आरती
( तर्ज – सांवरसा गिरधारी )
आंगणियों हरखाओ , बधावो रामा , आंगणियों हरखायो , माँ गवरजा पधारी , माता गिरिजा पधारी . देखो शैलजा पधारी , हरख मनावो ढम – ढम ढोल नगाड़ा बाजे , आभो गरजे बिजळी नाचे , ओ कुण शंख बजावे , बधावो रामा , ओकण शंख बजावे । माँ गवरजा । । 1 । ।
रुण – झुण , रुण – झुण पायल बाजे , सात सुरों में मनड़ो गावे , सुण – सुण मन हरसायो , बधावो रामा , सुण – सूण मन हरसायो । माँगवरजा । । 2 । ।
गळी – गळी में घुड़लो घूमे , लोग लुगायां टाबर झूमे । सुरंगो सुख छायो , बधावो रामा , सुरंगो सुख छायो । माँ गवरजा । । 3 । ।
तीज चौथ सुहावणी आई , सागे प्यार मोकळो लाई इमरत ही ढळकायो , बधावो रामा , इमरत ही ढळकायो । माँ गवरजा । । 4 । ।
कवारी तो संदर वर पावे , परणी रो स्वाग अमर हो जावे . ज्यों पूजे फळ पावे , बधावो रामा , ज्यों पूजे फळ पावे । माँ गवरजा । । 5 । ।
माँ गवरजा ने शीश नवावो , जी भर कर आशीष थे पावो दिन पजण रो आयो . बधावो रामा , दिन पूजण रो आयो । माँ गवरजा । । 6 । ।
आंगणियों हरखायो , हे आनन्द छायो , हे दर्शन पायो , हे सुख बरसायो , हे मन हरसायो , हे वंदन गाऽऽयो । माँ गवरजा । । 7 । ।
गणगौर की आरती (2)
थे म्हारा ईशरदस जी गवरा बाई ने भेजो मै करों गवरजा री आरती
इये आरती में लिलोड़ा नारियल मै रुपया घाला देड सौ..
(इस आरती में सभी अपने अपने पति का नाम लेकर आगे गावे)
धीना गवर माता की आरती
पहली आरती पहली आरती करुं कसार करुं कसार धीना गवरल लेकर
पूज सब परिवार मांगै ए म्हारी रलियों तू चारो चम्पा कलियों
सिंगासर गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथे ।
दूजी आरती दूजी आरती चाढूं पापड़ बड़ी चाढूं पाप बड़ी राज करूं
महलों में खड़ी मांगौ ए म्हारी रलियों तू चारो चम्पा कलियों
सिंगासन गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथे ।
तीजी आरती तीजी आरती चादूं पूड़ा चादं पूड़ा धीना गवरल लेकर
पूजू भर भर बायां चूड़ो मांगौ ए म्हारी रलियों तू चारों चम्पा कलियों
सिंगासन गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथे ।
चौथी आरती चौथी आरती चादूं धूप चादूं धूप धीना गवरल लेकर
पूजू रूप पूजू रूप मांगो ए म्हारी रलियों तू चारों चम्पा कलियों
सिंगासन गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथे ।
पाचवी आरती पाचवी आरती चादूं सूत चादूं सूत धीना गवरल लेकर
पूजू पूत पूजू पूत मांगौ ए म्हारी रलियों तू चारों चम्पा कलियों
सिंगासन गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथे ।
छटी आरती छटी आरती चांदू मेंहदी मोली चांदू मेंहदी मोली भाई
भतीजों री अबछल जोड़ी मांगौ ए म्हारी रलियों तू चारों चम्पा कलियों
सिंगासन गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथो ।
सातवीं आरती सातवीं आरती चांदू फूल चांदू फूल धीना गवरल कर दो संकट दूर
गवरा माता कर दो संकट दूर मांगौ ए म्हारी रलियों तू चारों चम्पा कलियों
सिंगासन गवरल साझे तू दे गवरल रे हाथे ।
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