गणगौर में दोपहर में गाए जाने वाले गीत –
नौरंगी गवर
म्हारी चाँद गवरजा , भलो ए नादान गवरजा रत्नों रा खम्भा दीखे दूर सू , बम्बई हालो , लाखों पर लेखण पूरब देश में , कलकते हालो , गवरयो री मोज्यों बीकानेर में गढ़न कोटां सूं उतरी सरे , हाथ कमल केरो फूल
शीश नारेळां सारियो सरे , बीणी बासक नाग रे |
| बम्बई . . . बम्बइ . . . . . (1)
चोतीणे रा चार चाकलिया , बड़ पीपल बड़ है भारी
बड़ पीपल बड़ है भारी , ईशरजी ने गवरा हद प्यारी
भंवारे भंवरो फिरे सरे , लिलवट ऑगळ चार आखड़ल्यों रतने जड्यो सरे , नाक सुआ केरी चोंच रे । ।
बम्बई . . . . . (2)
उड़ो हंस पर जाओ गिग्नार्या खबरया लाओ मेरे ईशर की
खबरयों लाओ म्हारे ईशर की , म्हारे गोठ्यो घुळ रही रेशम की
होठ परेवा रेखियो सरे , जीभ कमल केरो फूल मिसरायां चूने जड़ी सरे , दांत दाड़म केरो बीज रे । ।
बम्बई . . . . . (3) | |
चांदमल ढढे का लड़का , सूरजमल पंछी का लड़का
इये नयी हवेली में पोढ़े गवरजा , खसखस का पंखा ।
किण थोने घडी रे सिलावटेसरे , किण थाने लाल लोहार
केणे जी री डीकरी सरे , केणेजी रे घर नार रे । ।
बम्बई . . . (4)
गवरादे गोरी अलख सागर सूं भरला डोलची पातळिया ईशर पाणीड़े ने जांवती ने आवे लाजजी ।
जन्म दियो म्हारी मावड़ी सरे , रूप दियो किरतार
हेमाचली री डीकरी सरे , पातळिये ईशर घर नार रे । ।
बम्बई . . . . . (5)
नींबूतळा में दोय – दोय गवरियो अड़बी बाजा बाजसी
अड़बी बाजा बाजसी रे , सिंह ऊभा गाजसी सिंह उभा गाजसी , पंचायत ऊभी देखसी । महाराजा देसी दायजो सरे , सौ घोड़ा असवार घेर घुमाळो घाघरो सरे , ओढण दखणी रो चीर रे । ।
बम्बई . . . . . (6) । ।
चार चवन्नी चांदी की , जै बोलो महात्मा गांधी की
लाल रूमाल सिपाही का , घर घर में राज लुगाई का ।
कड़ाकंद केशर री भावे . रायतो दाख्यों रो भावे ईशर छोड़ चल्यो परदेश , गवरजा ने नींद नहीं आवे
गवरजा क्यों झुरे गैली रे . गवरजा क्यों झूरे गैली
थारो ईशर गयो परदेश , कमावण रुपियों री थैली – थैली । ।
बम्बई . . . . . (7)
पूजन दो गणगौर-
– खेलण दो गणगौर गढ़ा रा मारू , पूजण दो गणगौर।
होजी म्हाने गणगौरयों रो घणो चाव , गढ़ा रे मारू खेलन दो गणगौर।
होजी म्हारी गवरल रा दिन चार , गढ़ा रे मारु खेलन दो गणगौर ।
होजी म्हारी सहेल्या जोवे है बाट , गढ़ा रे मारू खेलन दो गणगौर।।
-भल खेलो गणगौर सुन्दरगौरी , भल पूजो गणगौर।
होजी थारी सहेल्यां रो सरब सुहाग
सुन्दर गोरी भल खेलो गणगोर ,
खेलण दो… , पूजण दो…।।
– होजी म्हारी सहेल्यां मांगे है गोठ , गढ़ा रे मारु खेलण दो गणगौर।
भल खेलो गणगोर सुंदरी गोरी , भल खेलो गणगौर।
होजी थारी सहेल्यां ने देसा , म्हे गोठ मुन्दर गोरी।
भल पूजो गणगौर , खेलण दो गणगौर गढ़ा रे मारू , पूजण दो..।।
– माथे रे मैंमद घडाव गढ़ा रे मारू , माथे रे मेंमद घडाय ।
होजी म्हारे रखड़ी री मौज लगाव , गढ़ा रे मारु खेलण दो गणगौर ।।
– हिवडे रे हार घडाय गढ़ा रे मारू , हिवडे रे हार घडाय ।
होजी म्हारे तनसुख रतन जड़ाय, गढ़ा रे मारु खेलण दो गणगौर।।
– बॉयों रे चुड़लो चिराव गढ़ा रे मारु, बॉयों रे चुड़लो चिराव।
होजी म्हारी गजरा री मौज लगाव , गढ़ा रे मारू खेलण दो गणगौर।।
– अंग में चून्दड़ लाय गढ़ा रे मारू , जैपूर री चून्दड़ लाया।
होजी म्हारे तारो री मौज लगाय , पल्ला में सूरज छपाय गढ़ा रे मारू खेलण दो गणगौर।।
– पगल्या में पायल घड़ाय गढ़ा रे मारू , पगयों रे पायल घड़ाय।
होजी म्हारी बिंछियाँ री मौज लगाय , गढ़ा रे मारू खेलण दो गणगौर।।
– होजी थोने देवे लाड़णपूत , सुन्दर गोरी भल पूजा गणगौर।
होजी म्हारी सहेल्यां जोवे है बाट , गढ़ा रे मारू खेलण दो गणगौर।।

चूंदड़ी-
मिजाजी ढोला जैपुर जायजो जी , बठे सूं लायजो जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजण गोरी कुणजी लाया ओ , केणेजी ओढी जाळी री चूंदड़ी । ।
( ईशरजी ) ढोला जेठजी लाया ओ , जेठाणीजी ओढी रब्बड़ री चूंदड़ी । ।
( गवरादे ) गोरी भांत बतावो ओ , कैसी तो होवे जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजी ढोला हरा – हरा पल्ला ओ , कसुमल होवे रेशम री चूंदड़ी । ।
मिजाजण गोरी ओढ बतायो ओ , कैसी तो सोवे तारां री चूंदड़ी । ।
मिजाजी ढोला किस विध ओढूँ ओ , अठे तो म्ळारा सुसरोजी देखे । ।
मिजाजण गोरी पीहर पधारो आ , बठे तो ओढ़ो जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजी ढोला किस विध ओढूँ ओ , बठे तो म्हारा दादीजी बैठा । ।
मिजाजण गोरी महल पधारो ओ , अबे तो ओढ़ो जाली री चूंदड़ी । ।
मिजाजी ढोला महल अंधेरो ओ , कियां ओ ओढूँ जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजी ढोला गर्मी सतावे ओ , कैसे तो ओढूँ जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजण गोरी पंखा लगाय , ओ , अबे तो ओढो जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजण ढोला पैला कैयो थो ओ , नजर म्हाने थांरी जी लागी । ।
मिजाजी ढोला सांभर जायजो जी , आंवता तो लायजो राई री पूडी । ।
मिजाजी ढोला मिर्जापूर जायजो जी , बठे सूं लायजो मिर्ची री पूड़ी ।
मिजाजी ढोला निजर उतारो ओ , जदे तो ओढूँ जाळी री चूंदड़ी । ।
मिजाजण गोरी चंदा सी चमके ओ , तारों सी चमके जाळी री चूंदड़ी । ।
( मिजाजी – जंवाई , मिजाजण – बेटी का नाम गाये ) । नेग मंग )
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गणगौर को क्यों दौड़ाकर ले जाया जाता है जाने नीचे दिए गए वीडियो में –