नोट चिपका कर पतंग उड़ाने वाला दस्साणियों का चौक बीकानेर

शेयर करे

नोट चिपका कर पतंग उड़ाने वाला दस्साणियों का चौक :-
अनोखे शहर के अनूठे चौक(1)

रंगीले, मस्ताने व अनूठे शहर बीकानेर के स्थापना दिवस पर हम आज से प्रमुख चौक व मोहल्लों से आपको परिचय करवा रहे है। इस शहर का करीब करीब हर चौक अपने आपमें कुछ खाश है । इन चौक व गुवाड़ की खाशियतें ही है जो हर किसी को अपनी ओर खींच रही है।
आज ले चलते है एक अनूठे चौक:-

Dassaniyon ka chowk bikaner Pata

दस्साणियों का चौक :-
इस चौक के शक्तिदान दस्साणी पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। वे पतंगों पर नोट चिपकाकर उड़ाते थे। कई बार उनकी पतंग के मुकाबले पर बीकानेर के सौदेबाज हजारों रूपये का सट्टा कर लेते थे।

दस्साणियों के चौक में पहले ढढ्ढा जाति के लोग ज्यादा रहते थे इस कारण यह ढढ्ढा चौक के अन्तर्गत ही आता था। लेकिन कालान्तर में जैन समाज के दस्साणी, तातेड़, सोनावत, पटवा, लालाणी, पारख, डागा, सुखानी, बांठिया, लोढा, खटोल, बैद के साथ अग्रवाल, माली, भादाणी आदि जातियों का निवास होता गया। इनमें से दस्साणी ज्यादा होने के कारण यह दस्साणियों का चौक कहलाया। जैन समाज की सताइस गुवाड़ों में से एक दस्साणियों के चौक में है।

दस्साणियों का चौक बीकानेर

9 पागों का पाटा चौक

इस चौक कि विशेषता है कि इसमें नो पागों का प्राचीन पाटा है। इस चौक के अलावा नगर में कहीं पर भी नौ पागों का पाटा नहीं है, जो अपने आपमें अनूठा है, लोग इसे दूर दूर से देखने आते है ।
दस्सोजी के दस पुत्र में एक के वंशज दस्साणी कहलाने लगे। अन्य नौ पुत्रों से बच्छावत, बोथरा, मुकिम बोथरा आदि जातियां बनी। पहले दस्साणी परिवार ही क्या उनके दोहिते आदि भी दस्सोजी के वंशज परिवारों में विवाह आदि नहीं करते थे। वर्तमान में कुछेक परिवारों ने भाईचारे की परम्परा को रिश्तेदारी में बदला है।

बीकाजी के साथ आए

चौक का ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में श्री बच्छाराज जी मंडोवर के राव राठौड़ के मंत्री थे वह जोधेजी के पुत्र बीकोजी के साथ बीकानेर आए। यहां बच्छराज जी ने अपने नाम से बच्छासर गांव बसाया। बच्छराज जी के तीन पुत्र हुए करमदेव, देवराज और नरसिंह। बच्छराज जी के साथ भादोजी भी बीकानेर आए। वर्तमान में भादाजो के वंशज बीकानेर में भुजिया बाजार व दस्साणी चौक आदि क्षेत्रों में रह रहे है। दस्साणियों के चौक में रहने वाले भादाणी परिवार स्वर्गीय किशनराम के वंशज है। यह यहां चार पीढी से रह रहे भादाणी परिवारों को ओसवाल समाज व उनसे जुड़ी विभिन्न जातियों के गुरू का दर्जा प्राप्त है।

Bikaji

कला प्रेमी व गौ भक्त

दस्साणियों का चौक ढढ्ढों के चौक के पीछे स्थित है। यह रांगड़ी चौक, मथेरण चौक, बागडि़यों का मोहल्ला, ढढढों के चौक आदि से परस्पर जुड़ा हुआ है। दस्साणियों के चौक में तथा आस-पास बहुत ही सुन्दर एवं कलात्मक हवेलिया बनी हुई है। इससे हम पता लगा सकते है कि यहां निवास करने वाले लोग आर्थिक रूप से संपन्न तथा कला के प्रति रूझान रखने वाले है। चौक में घास चरते पशु, मौहल्ले के लोगों की धर्म के प्रति आस्था व सहृदयता को उजागर करते है। वहीं बतियाते, ताश खेलते लोग आपसी भाईचारे व सद्भाव का संदेश देते हैं।

नोट चिपकाकर उड़ाते पतंग

दस्साणी चौक के श्री लूणकरण दस्साणी को रियासत काल में हाकम का दर्जा मिला हुआ था। इसी चौक के श्री शक्तिदान दस्साणी पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। वे पतंगों पर नोट चिपकाकर उड़ाते थे। कई बार उनकी पतंग के मुकाबले पर बीकानेर के सौदेबाज हजारों रूपये का सट्टा कर लेते थे। स्व. शक्तिदान दस्साणी के साथ वर्षों तक पतंगबाजी के दौरान दस्साणियों के चौक में प्रारम्भ से ही लोग पतंगों के शौकीन रहे है। स्व. नथमल दस्साणी के गोधे को आज भी चौक के लोग याद करते है। कहा जाता है कि दस्साणी के सांड की खासियत थी कि वह अनेक पेडि़यां पार कर घर में चढ जाता था।

11 पाटों का चौक

दस्साणियों के चौक में पहले ग्यारह पाटे थे। इन पाटों पर सेठों की जाजम लगती थी। चौक में लाल पत्थर की कई हवेलियां बारीक खुदाई व कलात्मक जाली झरोखों के कारण प्राचीनता के बावजूद पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

रिगतमल भैरव (बिना धड़ के लड़ते रहे जुझार)

Rigatmal Bhairav Bikaner

Binja Baba

दस्साणियों की कुलदेवी का मंदिर नागणेची जी मंदिर व घड़सीसर के बीच स्थित है। देवी के मंदिर में बच्चों के मुंडन संस्कार व सामूहिक पूजा अर्चना का आयोजन होता है। रिगतगतमल भैरव जुझार जो जुझार हुवे (गर्दन धड़ से अलग होने के बावजूद बिना धड़ के लड़ते रहना, युद्ध करते रहने वाले कहलाते है जुझार) जहाँ आमतौर पर तेल पताशा चढ़ता है साथ मे बींजा बाबा का मंदिर भी इस क्षेत्र में है। दस्साणी पंचायती का भवन चौके के एक कौने में बना है। भवन की देखरेख के लिए पंचायत का भी गठन किया हुआ है।

-लेखक
संजय श्रीमाली, उस्ताबारी, बीकानेर।

-फोटो-
बलदेव भादाणी व नानू भोजक
बीकानेर स्थापना दिवस पर हर चौक की जानकारी की खास सीरीज वेबसाइट पर लगातार

देखिये बीकानेर स्थापना दिवस पर खास वीडियो

हमारे यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब और फेसबुक पेज को लाइक जरूर करे।
धन्यवाद

शेयर करे

Related posts

Leave a Comment