लड़के की छिंकी व ढुकाव के समय का गीत
तू मत डरपे हो लाड़ला, केशरिया हो लाडेला थोरे….
चन्द जी बाबोजी आवे धोरी जान्यो ए ।
हे रंग भीनी म्हारी लाल ए कंवर ….चंद
त मत डरपे हो लाडला, केशरिया हो लाडला थारे….
(लडके के छिंकी व ढुकाव के गीत में जो प्रथम जगह छोड़ी गई है उस जगह जीवित
माइंतो के नाम दोहराये जाते हैं, बाबाजी, काकाजी, पिताजी, नानाजी, मामाजी, भाईजी आदि के। दूसरी जगह छोडी गई हे उसमें वर का नाम लिया जाता है।
चंवरी गीत
बीरो जी बाई न शेवरलो भल दिजो,
इये चंवरी …ढुकीया। तूं मत डरपे हो लाडला।
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ककाका जी बाई ने शेवरलो भल दिजे
इये चंवरी
.. ढुकीया।
तू मन डरपे हो लाडला।
मामोजी जी बाई ने शेवर्लो भल दिजे,
इये चंवरी
…… ढुकीया। तूं मत डरपे हो लाडला।
(खाली जगहों पर पूर्व जवाई्यों के नाम लिखे जाते है।)