बीकानेर व कोलकाता मे पुरुष भी गाते है ‘गवर-ईशर’ के गीत
बीकानेर । घर मे औरते और चौक में पुजारी बाबा की मण्डली द्वारा गाये जा रहे है गवर ईशर के गीत
बीकानेर । छारोड़ी के दिन से घर घर गवर के गीत शुरू हुवे जो निरन्तर परवान पर हे ,सुबह कन्याए पूजा ‘खोल किवाड़ी’ से शुरू करती है और ‘गवर पूज घर जायसो म्हे’ से गीत से पूजा समपत्र करती है वही दातनिया दोपहर को देते समय बासा के गीत गाये जा रहे हे ।इधर रात्रि को शहर में हर दिन एक नये चौक मोहल्ले में पूजारीबाबा के नेतृत्व में टीम के साथ विजय ओझा,अलू ओझा,मीनु ओझा,भैरु छंगाणी,चुन्ना, व् चोरसा आदि गीत गा रहे हे ।ये पुरुष गीत मण्डली काफी लोकप्रिय है बीकानेर ।कोलकत्ता में मनसा गवरजा में भी पुरुष गीत मण्डली प्रशिद्ध है वर्तमान मण्डली के अध्यक्ष के साथ पूरी कार्यकरणी के सदस्त गीतों की रिहर्सल करवा रहे और नए गीत भी तैयार हुवे हे स्मरण रहे मनसा गवरजा माता में हर बार नये गीत भी तैयार होते है जिनकी डिमांड सुनने व् किताब में पढ़ने के लोग बेसब्री से इन्तजार करते हे । कोलकत्ता में मनसा गवर मेला 29 मार्च को शुरू होगा । काफी लोग हर उत्सव में बीकानेर आते है लेकिन गणगौर का मेला व् गीत सुनने के लिए लोग बीकानेर से कोलकत्ता बड़ा बाजार पहुचने की हर संभव कोशस करते है । रमक झमक ऐसे हर सास्कृतिक व् संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम को आप हजारों शुभ चिंतको तक पहुचाने का प्रयास करता है । पुष्करणा सावा को समाज के अलावा बीकानेर से किसी भी रूप मे जो जुड़े रहे है और देश-विदेश कही भी है उनतक जानकारी रमक झमक से पहुची और शानदार रिसपॉन्स मिला अब इस बार शुरुवात की हे होली व् गणगौर की ।शायद अगली बार आप सबकी शुभकामना से रमक झमक इसमें भी सफलता प्राप्त करने के लिये प्रथम कदम रख देगा । रमक झमक से आप जुड़िये ,पढिये, लोगों को सूचित कीजिये,लिंक शेयर कीजिये । नई जानकारी व् सुझाव हमें बताइये क्योंकि रमक झमक आपकी वजह से ही हजारो लोगों तक पहुँच रहा है ।