बीकानेर अलमस्त शहर में आपको भी चढ़ सकता है,बिना भांग के भी भांग का नशा!!

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इस अलमस्त शहर में आपको भी चढ़ सकता है,बिना भांग के भी भांग का नशा!! जी हां बीकानेर शहर में होली के दिनों जब अपने परिचितों के घर या दुकान पर जाये तो आपको पूछा जाएग मिठाई भुजिया नमकीन भांग का या बिना भांग का, अगर आप शौकीन हे भांग के तो बस आपकी मन मनुहार और भाग के गुण गान । अगर आप बिना भाग का भी खा पी लेते है तो भी आपको कुछ ही देर में अहसास करवा दिया जाता है कि आप को भांग का नशा चढ़ रहा है और आप अपने आप में नही है,आपके पैर हिलने लगे है,जुबान लड़खड़ाने लगी है,आपकी भौवे चढ़ रही है ।दर असल ये सब शहर के लोग जो आपके इर्द गिर्द खड़े होते हे वो आपस में ही बाते करने लगते है अरे यार अब ये घर कैसे जायेंगे ,इनको मिठाई में इतनी भांग नही देनी थी,खेर चिंता की बात नही बस थोड़ा सा इनको दूध,पानी या चाय पिलाके घर पहुचना । अब देखो ये हंसेगे //ऐसे जब आपको पता भी होता है कि ये मजाक कर रहे हे और आओ हंसने लगते है तो बोलते है देखो 2 ये बिना कारणं इतना तेज हंस रहे और जब आप कहते हे की कहा तेज हंस रहा हु,तो कहते हे साहब आपको नही लगता तेज?ओह अब इनके कान 5 10 मिंट तक कम ही सुनेंगे इनके भाग का नशा आखों व् कानो में चढ़ गया है । कभी पास खड़े मित्र या जानकार आपस में खड़े होकर बात करने लगते कि यार कोई इनको घर छोड़कर आओ उनके पैर धुज रहे हे हिल रहे है और वे कभी आपका हाथ पकड कर साथ चलने का कहते हे कभी 5 10 मिंट रुकने का या फिर लिटाने का । कभी 2 माहौल बनाकर लेटा भी देते है ।आपको खुद ये समझ नही आता कि खाई गई चीज में भाग थी भी या नही । अगर सबके कहने पर अगर फिर से पानी चाय दूध या कुछ ग्रहण कर लिया तो आपस में ही वो बतियाने लगते है अरे पहले कम थी तूने इसमें फिर दाल कर खिला दी या पिलादी अब कोई भी ज्यादा मत करो इनको हँसना चाहे हँसने दो, अगर हँसे तो बोलते है अब देखो चढ़ी हे अगर गुस्सा हो गए तो बोलेंगे जनाब बस थोड़ी देर मे उतर जायेगी गुस्सा के बाद अब आपको हंसी आएगी । अब आपको भी मनिवेज्ञानिक लगता है कि क्या पता मुझे वास्तव में भांग चढ़ तो नही गई ।आस पास सब लोग कितने ही नजदीक हो या मित्र होली पे बस शहर मे ये ही आनन्द । आप जब घर पहुचते हे तो पहले आपके परिवार या बीवी के पास फोन पहुच चूका होता है कि आज मिठाई भुजिया में थोड़ी भांग खाली है उन्होंने इसलिये आते ही इनको निम्बू शिकंजी पिलाकर सुला देना या जबर्दशती हलुवा खिलाकर सुला देना ।और आप के घर सब आपका इन्तजार करते हे और हाथ पकड़ कर सुलाने और आराम से चलने की कहते हे तो आपको सच्च में लगता है कि आज तो भांग चढ़ ही गई ।ये हे बीकानेर शहर की होली जो बिना भांग के भी भांग का नशा चढ़ा देती है । एक विशेष बात और अगर वास्तव में किसी ने पहली बार भांग या भांग की मिठाई का सेवन किया और भाग वादत्व में चढ़ने लग जाये और शहर क्र मित्र जानकार को पता चल जाये तो वो वास्तव में आपकी मदद करते हे दूध बादाम हलुवा मलाई खिलाते हे ताकि आप भांग का नशा शांति से एन्जॉय करे ,न आपको कस्ट हो न दुसरो को चाहे कितना भी खर्च हो जाये ,यहाँ शहर के लोग खा कर व् खिलाकर भी खुश होते है चाहे पैसा कितना ही लगे इनके पीछे एक ही मकसद होली पर सर्फ मस्ती और मस्ती । कहते हे की दारू पीकर लोग उत्पात करते अश्लील हरकतें करते है झगड़ा भी करते हे लेकिन भाग वाला ऐसा नही करता वो अपनी मस्ती और तरंग मे भाव भक्ति और भगवान की बाते करता है और शांत रहता है ।
vlcsnap-2017-03-08-10h37m

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