पितृों को प्रसन्न कर आप यश धन व कीर्ति पा सकते हैं। इसके लिए आप श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों का करें श्राद्ध और हां अगर आप की कुण्डली में पितृ दोष है तो भी इस श्राद्ध पक्ष में आप इन दोष का निवारण कर सकते हैं। पितृ दोष के कारण अच्छे से अच्छे कुण्डली के ग्रह योग भी अपना रिजल्ट देने में असमर्थ होते है और जब पितृ प्रसन्न होते हैं तो सभी ग्रह अपना अच्छा रिजल्ट देने में समर्थ हो जाते है और वे अपनी पूर्ण कृपा हम पर बरसाते हैं और यश धन व कीर्ति देते है आपको अपने पूर्वजों की तिथियां याद है तो उस दिन आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से कुछ सामान्य नियमों का पालन करते हुए श्रद्धा से श्राद्ध करें और अपने पितृों पूर्वजों से प्रार्थना करें और प्रसन्न होने का निवेदन कर उनको आशिर्वाद देने के लिए भी प्रार्थना करें कि आपसे आपके परिवार के किसी भी व्यक्ति से कोई गलती हो गई हो तो क्षमा करें … लेकिन आप में से कई व्यक्तियों को अपने पूर्वजों की तिथियां याद नहीं या पंडित ने कह दिया कुण्डली में पितृ दोष है तो उन लोगों के लिए मेरी ओर से इस बार खास और कारगर उपाय-
पितरों को प्रसन्न कर प्राप्त करें यश, धन व कीर्ति
1. आप प्रतिपदा से अमावस्या तक प्रतिदिन चार परोठे बिना नमक के उस पर चार चम्मच चीनी दो चमच घी व थोडा सा दही डाल कर रोजाना प्रात: गाय को खिलावें व ब्राह्मण व गरीब को भोजन करावें
2. भगवान सूर्यनारायण को मिश्री डालकर अघ्र्य देवें और प्रार्थना करें उनके पितृ प्रसन्न और तृप्त हों
3. जब तक ये दोनों काम न हों तब तक आप अन्न ग्रहण नहीं करें और हां श्राद्ध करने वाले इन बातों का अवश्य ध्यान रखें…
1. दूसरे की भूमि पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए अन्यथा फल नहीं मिलता लेकिन जंगल पर्वत तीर्थ स्थल और मंदिर परिसर ये दूसरे की भूमि की श्रेणी में नहीं आते इसलिए इन स्थानों पर किया जा सकता है ऐसा पुराणों में लिखा है
2. आए हुए मेहमान, अतिथि की सेवा सत्कार जरूर करें, अन्यथा श्राद्ध फल निष्फल हो जाता है ऐसा वराह पुराण में आया है
3. अपने घर में श्राद्ध करके अगर दूसरे के घर भोजन करते है तो पूर्ण फल नहीं मिलता और पाप लगता है।
श्राद्ध और पितृ दोष से संबंधित और जानकारी के लिए आप निरन्तर लोगइन करें रमकझमकडॉटकॉम।
प्रहलाद ओझा भैरूं
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