नए साल में कहा लगाए कैलंडर

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💥 विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।
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वास्तु शास्त्र
📅 वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ये प्रगति के अवसरों को कम करता है। इसलिए, पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए। जिससे नए साल में पुराने साल से भी ज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे।
अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।
🏻 वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर
📅 कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। हिंसक जानवरों, दुःखी चेहरों की तस्वीरोंवाला ना हो। लगाएं। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है।
📅 पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसर-
पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य है, जो लीडरशिप के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज पर उगते सूरज, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।
📅 उत्तर दिशा में कैलेंडर बढ़ाता है सुख-समृद्धि-
उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली,फव्वारा, नदी,समुद्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो।
📅 पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते है रुके हुए कई कार्य-
पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।
📅 कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में-
घड़ी और कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण ठहराव की दिशा है। यहां समय सूचक वस्तुओं को ना रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
📅 मुख्य दरवाजे से नजर आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं-
मुख्य दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते है। जो कि अच्छा नहीं माना जाता है।
💥 विशेष : अगर कैलेंडर में संतों महापुरुषो तथा भगवान के श्रीचित्र लगे हो,तो ये और अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है |
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
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In Cold सर्दी – सूर्यभेदी प्राणायाम
सर्दी है या सर्दी के दिनों में बहुत ज्यादा ठंड लगती हो तो बायाँ स्वर बंद करके …. दायें नथुने से श्वास लो, एक मिनट रोको और “रं रं” का जप करो और छोड़ते समय दाया बंद करके बाएं से छोड़े… ऐसा २ बार करें, इससे बिना दवाई के सर्दी गायब हो जाती है ।
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
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