जाने धनतेरस की प्रचलित 3 कहानीयाँ

शेयर करे

धनतेरस से जुडी कथा नंबर (1)

कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते है ! यह त्योहार दीपावली आने के पूर्व सूचना देता है ! इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है ! धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवंतरी की पूजा का महत्व. है !
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़

भारतीय. संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान. धन से ऊपर माना जाता रहा हैं ! यह कहावत आज भी प्रचलित. है कि पहला सुख. निरोगी काया, दूजा सुख घर मे माया’ इस लिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया गया है ! जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है !

शास्त्रो में वर्णित. कथाओं के अनुसार समुंद्र मंथन के दोरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथो में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे ! मान्यता है की भगवान धनवंतरी विष्णु जी के अंशावतार. हैं ! संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान. विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था ! भगवान. धनवंतरी जी के प्रकट. होने के उपलक्ष्य. में धनतेरस. का त्योहार. मनाया जाता है !

🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

धनतेरस से जुड़ी कथा नः (2)

यह भी एक धनतेरस से जुड़ी कथा है कि देवताओ के कार्य मे बाधा डालने के कारण. भगवान. विष्णु ने असुरों के गुरू शुक्राचार्य की एक आंख. फोड़ दी थी !

कथा के अनुसार, देवताओ को राजा बलि के भय. से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान. विष्णु ने वामन. अवतार. लिया और बलि के यज्ञ. स्थल. पर. पहुंच. गए ! शुक्राचार्य. ने वामन. रूपमे भी भगवान. विष्णु को पहचान लिया था और. राजा बलि से आग्रह. किया कि वामन कुछ. भी मांगे उन्हे इंकार. कर. देना ! वामन साक्षात. भगवान. विष्णु है जो देवताओ. की सहायता के लिए तुमसे सब कुछ. छिनने आए. हैं !

बलि ने शुक्राचार्य की बात. नही मानी ! वामन. भगवान. द्वारा मांगी गई. तीन पग भुमि दान करने के लिए कमंडल. से जल. लेकर. संकल्प. लेने लगे ! बलि को दान करने से रोकने के लिए. शुक्राचार्य. ने राजा बलि के कमंडल. मे लधु रूपधारण. करके प्रवेश. कर. गए ! इससे कमंडल. से जल. निकलने का मारग. बंद. हो गया !

वामन भगवान. शुक्राचार्य. कि चाल. को समझ. गए. थे ! भगवान वामन ने अपने हाथ. में रखे हुए कुशा को कमंडल मे ऐसे रखा कि शुक्राचार्य की एक आंख फूट गई ! शुक्राचार्य. छटपटाकर. कमंडल से निकल. आए !

इसके बाद. बलि ने तीन. पग. भुमि दान करने का संकल्प. ले लिया ! तब. भगवान. वामन. ने अपने एक पैर. से संपूर्ण पृथ्वी को नाप लिया और. दुसरे पग. से अंतरिक्ष को ! और. तीसरा पग रखने के लिए कोई. स्थान. नही होने पर बलि ने अपना सिर. वामन भगवान. के चरणों में रख. दिया ! बलि दान. में अपना सब कुछ. गंवा बैठा !

इस तरह. बलि के भय. से देवताओ. को मुक्ति मिली और. बलि ने जो धन-संपत्ति देवताओ. से छीन. ली थी उससे कई. गुणा धन-संपत्ति देवताओ को मिल. गई ! इस. उपलक्ष्य. में भी धनतेरस. का त्योहार मनाया जाता है !

🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

धनतेरस से जुड़ी कथा नः (3)

एक. बार. यनराज. ने अपने दूतों से प्रश्न. किया क्या प्राणियों के प्राण हरते समय. तुम्हे किसी पर. दया भी आती है ! यमदूत. संकोच. में पड़कर. बोले नहीं महाराज ! हम. तो आपकी आज्ञा का पालन. करते है ! हमें दया-भाव. से क्या प्रयोजन?

यमराज. ने सोचा कि शायद. संकोचवश. एसा कह. रहे है ! अतः उन्हे निर्भय. करते हुवे वे बोले- संकोच. मत. करो ! यदि कभी कहीं तुम्हारा मन. पसीजा हो निडर. होकर. कहो ! तब. यमदूतों ने डरते-डरते बताया सचमुच ! एक. एसी ही घटना घटी थी महाराज, जब. हमारा ह्रदय. काँप. उठा था !

यमराज ने पूछा ! एसी क्या घटना घटी थी ! दूतों ने कहा महाराज. ! हंस. नाम. का राजा एक. दिन. शिकार. के लिए. गया था ! वह. जंगल. में अपने साथियों से बिछड़कर. भटक. गया और. दूसरे राज्य की सीमा में चला गया था ! वहाँ के राजा हेमा ने राजा हंस. का बड़ा सत्कार. किया !

उसी दिन राजा हेमा की पत्नी ने एक. पुत्र. को जन्म. दिया था ! ज्योतिषियो ने नक्षत्र. गणना करके बताया कि यह. बालक. विवाह. के चार. दिन. बाद. मर. जाएगा ! राजा के आदेश. से उस. बालक. को यमुना के तट. पर. एक. गुफा में ब्रह्मचारी के रूप. में रखा गया ! उस. तक. स्त्रियो की छाया भी न. पहुँचने दी गई !

किन्तु विधि का विधान. तो अडिग. होता है ! समय. बितता रहा ! संयोग. से एक. दिन. राजा हंस. की युवा बेटी यमुना के तट. पर. निकल. गई. और. उसने उस. ब्रह्मचारी बालक. से गंधर्व. विवाह. कर. लिया ! चोथा दिन. आया और. राजकुँवर. मृत्यु को प्राप्त. हो गये ! उस. नवपरिणिता का करूण विलाप. सुनकर. हमारा ह्रदय. काप. गया था ! एसी सुंदर. जोड़ी हमने कभी नही देखी थी ! वे कामदेव. तथा रति से भी कम. नही थे ! उस. युवक. को कालग्रस्त. करते समय. हमारे भी अश्रु नही थम. पाए. थे !

यमराज. ने द्रवित. होकर. कहा- क्याा किया जाए? विधि के विधान. की मर्यादा हेतु हमें ऐसा अप्रिय. कार्य करना पड़ा ! महाराज. एकाएक एक. दूत. ने पूछा क्या अकालमृत्यु से बचने का कोई. उपाय. नही है ! यमराज. ने अकाल. मृत्यु से बचने का उपाय. बताते हुए. कहा- धनतेरस. के पूजन. एवं दीपदान. को विधिपूर्वक. करने से अकाल. मृत्यु से छुटकारा मिलता है ! जिस. घर. में यह. पूजन. होता है, वहा अकाल. मृत्यु का भय. पास. भी नही फटकता !

इसी घटना से धनतेरस. के दिन. धनवंतरी पूजन. सहित. दीपदान. की प्रथा का प्रचलन. शुरूहुआ।

🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

IMG-20161028-WA0007

शेयर करे

Related posts

9 Thoughts to “जाने धनतेरस की प्रचलित 3 कहानीयाँ”

  1. safe buy cialis

    buy cialis tadalafil uk

  2. non prescription viagra alternative

    buying generic viagra online

  3. stromectol medicine

    stromectol south africa

  4. canadian approved online pharmacies

    ed pills from canada

  5. hydroxychloroquine order online

    plaquenil 5 mg

Leave a Comment